ब्लिट्ज ब्यूरो
लंदन। बेवक्त होने वाली मौत और बीमारियों के पीछे जीन से ज्यादा जीवनशैली कसूरवार बन रही है। नेचर मेडिसिन में प्रकाशित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में दावा किया गया है कि धूम्रपान, इंसानी गतिविधियां और रहन-सहन के बदलते तरीकों का गंभीर असर स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। शोधकर्ताओं का सुझाव है कि जिन लोगों में कम समय तक जीने का आनुवंशिक जोखिम अधिक है, वो स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली अपनाकर अपनी आयु में इजाफा कर सकते हैं।
यूके बायोबैंक से लिया डाटा
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन के लिए यूके बायोबैंक से करीब पांच लाख लोगों का आंकड़ा लिया। उन्होंने 164 फैक्टर और जेनेटिक जोखिम का विश्लेषण किया। इसमें पता चला कि इन कारणों से 75 वर्ष से कम उम्र के लोगों में उम्र बढ़ने के साथ 22 बड़ी बीमारियां और असामयिक मौतों का स्तर बढ़ा है।
भारत में भी बढ़ रहीं बीमारियां
भारत में असमय मौतों का प्रमुख कारण हृदय रोग, कैंसर, पुरानी सांस की बीमारी और मधुमेह है। आईसीएमआर समेत कई रिपोर्ट के अनुसार इनमें से ज्यादातर बीमारियां खराब जीवनशैली और आहार में गड़बड़ी के कारण हो रही हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें सुधार करके मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। सचेत करते हुए विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि स्वस्थ जीवनशैली के तहत समय से पौष्टिक आहार के साथ सही दिनचर्या अपनाएं। शराब-धूम्रपान से दूरी बनाना बेहतर है।
मौत का जोखिम ज्यादा
– खराब जीवनशैली से असमय मौत का जोखिम 78 फीसदी बढ़ा
– धूम्रपान से 21 बीमारियां, जबकि आमदनी, रोजगार व शारीरिक गतिविधियों से 17 बीमारियां
-10 साल की उम्र में मोटापा व जन्म के दौरान या पहले मां के धूम्रपान करने से असामायिक मौत का जोखिम ज्यादा
पर्यावरण प्रदूषण से खतरा
-खराब पर्यावरण यानी प्रदूषण से हृदय, फेफड़े, लीवर की समस्या, जीन यानी आनुवांशिकी से डिमेंशिया और ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम सबसे अधिक
-भारत से जुड़े कई अध्ययनों ने भी पूर्व में इसी तरह के मामलों का किया था खुलासा।