दीपक द्विवेदी
अभी हाल में देश के आम बजट के बाद कुछ राज्यों में भी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किए गए। इसमें कोई संदेह नहीं कि इन राज्यों के बजट में भी अपने-अपने प्रदेश के विकास की तस्वीर का वही खाका देखने को मिल रहा है जिसकी नींव देश के आम बजट में रखी गई है। देश में सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में पेश बजट विशेष रूप से उल्लेखनीय और उत्साहजनक है। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने राज्य का जो बजट पेश किया, उसमें प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का स्पष्ट लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार का यह नौवां बजट विशेष रूप से गौर करने लायक है। योगी सरकार का यह अब तक का सबसे बड़ा बजट रहा। स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि प्रदेश का यह बजट देश की अर्थव्यवस्था में महती योगदान देगा और देश के विकास का इंजन भी बनेगा।
देश के इस महत्वपूर्ण राज्य को बहुमुखी विकास की आवश्यकता है और उसके बजट में अति आवश्यक दस क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाना वास्तव में उल्लेखनीय है। कृषि और संवर्ग सेवाओं, बुनियादी ढांचा, उद्योग, आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, शिक्षा, पर्यटन, शहरी विकास, वित्तीय सेवाओं, ऊर्जा और पूंजी निवेश पर इस बजट में विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है। वस्तुत: ये दस ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें अगर ईमानदारी से पहल की गई तो इससे न केवल प्रदेश बल्कि देश का कायाकल्प भी हो सकता है और इसमें कोई दोराय नहीं हो सकती। यह भी एक बेहतर बात है कि उत्तर प्रदेश के बजट में एक साल में 9.8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है और यह बजट 8,08,736 करोड़ रुपये का हो गया है। यहां यह भी गौर करने वाली बात है कि आकार के मामले में उत्तर प्रदेश का बजट देश में नंबर एक पर है। इस मोर्चे पर महाराष्ट्र भी उत्तर प्रदेश से पिछड़ गया है। बजट के आंकड़ों पर नजर डालें तो उत्तर प्रदेश का विकास आशा और उम्मीद की एक चमकदार किरण दिखा रहा है। योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह चौथा बजट विकास की रफ्तार तो दिखाता ही है, यह समावेशी व आधुनिक उत्तर प्रदेश की दिशा में बढ़ने के संकल्प को भी इंगित करता है।
उत्तराखंड की बात करें तो वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जो 101175.33 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, वह जारी वित्तीय वर्ष से 13.38 प्रतिशत अधिक है। 24 वर्षों में बजट का आकार 24 गुना बढ़ा है। पहली बार राज्य का बजट एक लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा है। अपने करीब 1.20 घंटे के भाषण में अग्रवाल ने विकसित भारत में सशक्त उत्तराखंड के योगदान का संकल्प दोहराया और कहा कि इस संकल्प को सरकार ज्ञान और नमो मंत्र से पूरा करेगी। वित्त मंत्री अग्रवाल ने नमो बजट को नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखंड, महान विरासत और ओजस्वी मानव संसाधन के जरिये परिभाषित किया है। नवाचार के तहत पेपरलेस रजिस्ट्रेशन, बायोमैट्रिक आधारित आधार प्रणामीकरण, ऊर्जा दक्ष पंप, स्मार्ट मीटर, विज्ञान केंद्र, साइंस सिटी आदि का व्यवस्थापन होगा। सरकार आत्मनिर्भर उत्तराखंड के लिए कृषि, ऊर्जा, संयोजकता, आयुष, उद्योग और अवसंरचना तथा पर्यटन पर फोकस करेगी। उसके अनुसार ये सप्तऋषि समृद्ध, सशक्त और विकसित उत्तराखंड के आधार हैं। महान विरासत के तौर पर सरकार शीतकालीन यात्रा आदि कैलाश, ओम पर्वत दर्शन की सुगमता, हरिद्वार और ऋषिकेश का पुनर्विकास और शारदा रिवर फ्रंट की योजनाओं पर भी काम करेगी। मानव संसाधन के तौर पर सरकार उद्यमिता, स्टार्ट अप, नॉलेज इकॉनोमी, कृत्रिम बुद्धिमता (एआई), खेल सुविधाएं, खिलाडि़यों और किसानों को प्रोत्साहित करने का काम भी करेगी। ज्ञान मंत्र के तहत बजट में सरकार ने गरीब, युवा, अन्नदाता व नारी कल्याण को केंद्र में रखने का संकल्प प्रदर्शित किया है।
राजस्थान सरकार ने भी अपने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विकास को केंद्र में रखते हुए अपना बजट तैयार किया है। राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने बजट पेश किया। इसमें रोजगार के साथ-साथ पानी व बिजली जैसे मुद्दों पर जोर दिया गया है। साथ ही इसमें नौ ग्रीनफील्ड यानी नए एक्सप्रेसवे बनाने की ढांचागत परियोजनाओं की घोषणा भी की गई है और अगले साल सरकारी विभागों व राजकीय उपक्रमों में 1.25 लाख पदों पर भर्तियां करने की घोषणा की गई है। साथ ही निजी क्षेत्र में भी आगामी वर्ष एक लाख 50 हजार युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाया जाना प्रस्तावित है। राज्य का यह पहला ‘ग्रीन बजट’ रहा जिसमें जलवायु परिवर्तन अंगीकरण, वन व पर्यावरण, टिकाऊ कृषि, जल संचयन, पुनर्चक्रण और अपशिष्ट निपटान सहित दस घटकों पर विशेष ध्यान देने की बात की गई है। राज्य के इस सालाना बजट का आकार 5.37 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का कहना है कि यह बजट राज्य के विकास को सुनिश्चित करते हुए देश के विकास में योगदान देगा। यह समावेशी विकास पर आधारित ‘सर्वजन हिताय’ वाला राज्य का पहला ‘हरित बजट’ आने वाले समय में राज्य का सतत विकास सुनिश्चित करेगा और हम राज्य को 2030 तक 350 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के पथ पर अग्रसर हैं। कुल मिला कर इन प्रमुख हिंदी भाषी राज्यों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के केंद्रीय बजट की आत्मा के अनुरूप अपने-अपने बजट को आकार दिया है एवं इनका बजट ‘विकास और सर्वजन हिताय’ के लक्ष्य की परिक्रमा करता ही नजर आता है।