ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। जिस बच्ची ने कभी ट्रेन से सफर न किया हो, उसे अंतरिक्ष की जानकारी के लिए अमेरिका जाने का मौका मिला। यह केवल कुम्हार का काम करने वाले पिता की बेटी अदिति की यात्रा नहीं है, यह सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए बदलाव, उम्मीद और संभावनाओं की सीढ़ी है। पिछले कुछ महीनों में पुणे जिला परिषद के स्कूलों से बच्चे नासा, इसरो और विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर का दौरा कर चुके है। यहां इन होनहारों को विज्ञान, डिस्कवरी और इनोवेशन की जानकारी मिलती है।
जिला परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले 2.5 लाख बच्चों के लिए विविध तरह की योजनाएं और ट्रेनिंग उपलब्ध कराई जा रही है। स्कूलों का इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड किया जा रहा है। इन बच्चों का चयन बाकायदा लिखित परीक्षा लेकर किया जा रहा है। पुणे जिला परिषद के सीईओ गजानन पाटील ने कहा, हमारे कई स्कूलों में एडमिशन लेने के लिए वेटिंग रही। इन बच्चों में भी अपार क्षमता है, हमें केवल उन्हें दिशा देनी है। पुणे जिला परिषद के तहत 3,600 स्कूलों में करीब 11,000 टीचर्स पढ़ाते हैं।
कुर्सी संभालते ही लिया संकल्प
फरवरी में जिला परिषद के सीईओ की जिम्मेदारी संभालने वाले आईएएस अधिकारी गजानन पाटील ने कुर्सी संभालते ही शिक्षा व्यवस्था में बदलाव लाने का संकल्प लिया। उन्होंने सरकारी स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर में बदलाव का एक रोडमैप तैयार किया। स्कूल, टीचर और स्टूडेंट्स के स्तर में बढ़ोतरी की त्रिसूत्रीय योजना जल्द ही रंग लाने लगी। पाटील ने बताया, हमने शिक्षा पर करीब 3 गुना खर्च बढ़ाने का संकल्प लिया। इसमें जिला परिषद के अलावा जिला प्लानिंग ऐड डिवेलपमेंट कमिटी (डीपीडीसी) के साथ ही सीएसआर फंड का भी उपयोग किया जा रहा है। पुणे मॉडल स्कूल योजना के तहत बच्चों की
शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रयास शुरू किए गए। टॉप-50 बच्चों को दिल्ली दौरे पर ले जाया गया, जहां उन्हें संसद भवन, राष्ट्रपति भवन दिखाकर भारत की मजबूत लोकतांत्रित परपरा से रूबरू कराया गया।
स्कूलों में किए गए कई अहम बदलाव
बच्चों के लिए स्कूलों में कम्प्यूटर लैब, स्किल ऑन वील, लाइब्रेरी ऑन वील के अलावा नई चीजें सिखाने के लिए विभिन्न सेंटर्स के दौरे कराए जा रहे हैं।
स्कूलों में सोलार, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग जैसे उपायों के अलावा बिल्डिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी काम किया जा रहा है। इस काम में ‘रूम टू रीड’ जैसे कई एनजीओ का भी सहयोग लिया जा रहा है। जनभागीदारी बढ़ाने के लिए एक साइकिल बैंक की योजना शुरू की गई, जिसमें आम लोगों ने एक ही दिन में 500 साइकिल दान कर दी। टीचर्स की ट्रेनिंग के लिए भी व्यवस्था की गई है।
शिक्षा समाज का मजबूत आधार होता है। बच्चों को बराबरी का मौका देने के लिए हमने कई पहल की है। शिक्षा का स्तर सुधारने और बच्चो को पूरा मौका देने के इस अभियान में हमें सभी का साथ मिल रहा है।
– गजानन पाटील, पुणे जिला परिषद































