ब्लिट्ज ब्यूरो
प्रयागराज। प्रयागराज महाकुंभ 2025 की प्रशंसा हर तरफ हो रही है। महाकुंभ न सिर्फ सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह अर्थव्यवस्था को भी निखारने का काम कर रहा है। महाकुंभ के आयोजन के दौरान कई व्यावसायिक क्षेत्रों में भारी उछाल दिखी। सबसे अधिक उछाल होटल इंडस्ट्री में देखने को मिल रही है। इससे प्रयागराज के व्यवसायी काफी खुश हैं।
महाकुंभ मेले के कारण प्रयागराज के कारोबार में दो से तीन गुना तक की बढ़ोतरी हो गई है। होटलों में अगले कई दिनों तक कमरे खाली नहीं हैं। होटल के साथ-साथ खान-पान के सामान, स्थानीय उत्पाद, कंबल, ऊनी कपड़ों और इलेक्ट्रॉनिक सामानों की बिक्री में भारी वृद्धि देखी जा रही है। प्रयागराज में फ्लाइट्स की बुकिंग में 162 प्रतिशत का उछाल देखने को मिल रहा है।
कैट के आंकड़े
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के अनुमान के मुताबिक, सिर्फ होटलों, धर्मशालाओं और टेंट से ही 40,000 करोड़ रुपए के व्यापार की संभावना है। पैक खाद्य सामग्री, पानी, बिस्किट, जूस व भोजन से जुड़ा 20,000 करोड़ रुपये का कारोबार होगा। तेल, दीपक, गंगाजल, मूर्तियां, अगरबत्ती, धार्मिक पुस्तकों की बिक्री से 20,000 करोड़ का व्यापार होगा।
टूर गाइड, ट्रैवल पैकेज और पर्यटक सेवाओं से 10,000 करोड़
इसी तरह टूर गाइड, ट्रैवल पैकेज और पर्यटक सेवाओं से 10,000 करोड़ रुपए का व्यापार अनुमानित है। वहीं, विज्ञापन और प्रचार गतिविधियों से 10,000 करोड़ रुपए के व्यापार का अनुमान है। स्थानीय उत्पादों, कपड़ों, गहनों और स्मृति चिन्हों से 5,000 करोड़ रुपए का व्यापार हो सकता है।
मेडिकल कैंप, आयुर्वेदिक उत्पाद व दवाइयों
से 3,000 करोड़
कैट ने अनुमान लगाया है कि अस्थायी मेडिकल कैंप, आयुर्वेदिक उत्पाद और दवाइयों से 3,000 करोड़ रुपए का व्यापार होगा। इसी तरह डिजिटल भुगतान सेवा, वाई-फाई सेवा और ऑनलाइन टिकटिंग बुकिंग यानी ई-टिकटिंग से 1,000 करोड़ का व्यापार होने का अनुमान लगाया गया है। बता दें कि इस महाकुंभ में डाबर, मदर डेयरी और आईटीसी जैसे बड़े ब्रांडों ने 3,000 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
राज्य सरकार को 25,000 करोड़ का राजस्व
वहीं, सरकार का अनुमान है कि मेले से उसे 25,000 करोड़ रुपए का राजस्व मिल सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार ने कुंभ मेले में करीब 6,900 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। दरअसल, कुंभ मेले में दुनिया भर से 40 करोड़ श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आने का अनुमान है। अगर हर पर्यटक औसतन 5000 रुपए खर्च करता है तो महाकुंभ से 2 लाख करोड़ रुपए का व्यापार हो सकता है। वहीं, इंडस्ट्री का अनुमान है कि मेले में औसतन प्रति व्यक्ति खर्च 10,000 रुपए हो तो यह आंकड़ा 4 लाख करोड़ रुपए को पार सकता है। इससे देश की जीडीपी एक फीसदी से भी अधिक बढ़ सकती है।