ब्लिट्ज ब्यूरो
मेरठ। दिल्ली से मेरठ को जोड़ने वाली देश की पहली हाईटेक रैपिड रेल का सफर अब अपनी पूर्णता के पड़ाव पर है। परतापुर से लेकर मेरठ साउथ तक फिलहाल रैपिड रेल का संचालन हो रहा है, जहां रोजाना हजारों लोग सफर कर रहे हैं। अब मोदीपुरम स्थित आखिरी स्टेशन का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। जल्द ही यात्रियों को यहां से संचालन की सुविधा मिलने लगेगी।
मोदीपुरम मेरठ रैपिड और मेट्रो का आखिरी बड़ा स्टेशन होगा। इसके बाद केवल डिपो तक जाने का ट्रैक बचेगा। यही वजह है कि यह स्टेशन न सिर्फ मेरठ के लोगों के लिए बल्कि आसपास के क्षेत्रों विशेषकर मुजफ्फरनगर से आने-जाने वालों के लिए भी बेहद अहम साबित होगा। यहां से लोगों को दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ शहर तक आरामदायक, तेज और सुरक्षित यात्रा का विकल्प मिलेगा।
मुजफ्फरनगर तक बढ़ाने की योजना
स्टेशन के आगे दो हिस्सों में बंटे ट्रैक में से एक डिपो तक जाता है, जबकि दूसरा ट्रैक आगे जाकर बंद हो जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य में यदि रैपिड रेल का विस्तार मुजफ्फरनगर तक किया जाता है तो इसी बंद ट्रैक से आगे का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। इस लिहाज से मोदीपुरम स्टेशन भविष्य की कड़ी के रूप में भी देखा जा रहा है।
रैपिड रेल प्रबंधन का दावा है कि सभी स्टेशन यात्रियों की जरूरतों और आधुनिक तकनीक के हिसाब से तैयार किए गए हैं। मोदीपुरम स्टेशन पर दिव्यांग यात्रियों के लिए व्हीलचेयर, लिफ्ट और विशेष शौचालय की सुविधा होगी। साथ ही फर्स्ट एड और इमरजेंसी सेवाएं भी यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उपलब्ध कराई गई हैं।
दूसरी मंजिल पर प्लेटफॉर्म,
पहली पर टिकट काउंटर
स्टेशन की डिजाइन भी खास है। प्लेटफॉर्म दूसरी मंजिल पर होगा जबकि पहली मंजिल पर टिकट काउंटर और अन्य सुविधाएं यात्रियों को मिलेंगी। टिकट खरीदने के लिए ऑटोमेटिक मशीनें और मैनुअल दोनों ही विकल्प मौजूद रहेंगे। इससे यात्रियों को सुविधा और लचीलापन दोनों मिलेगा।
मेरठ के विकास में नई उड़ान
रैपिड रेल का आखिरी स्टेशन शुरू होने के बाद मेरठ से दिल्ली का सफर और भी सुगम हो जाएगा। रोजाना अप-डाउन करने वाले छात्रों, नौकरीपेशा लोगों और कारोबारियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
मोदीपुरम स्टेशन खुलने से मेरठ शहर के उत्तरी हिस्से के साथ-साथ मुजफ्फरनगर तक के यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी का फायदा मिलेगा। रैपिड रेल का यह प्रोजेक्ट न सिर्फ मेरठ की सूरत बदलने जा रहा है बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को दिल्ली से हाई-स्पीड कनेक्टिविटी देने में भी मील का पत्थर साबित होगा।