ब्लिट्ज ब्यूरो
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में रिजेंसी हॉस्पिटल के उद्घाटन के दौरान सांसद रविकिशन से जुड़ा एक डेढ़ साल पुराना किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि रविकिशन ने रिजेंसी हॉस्पिटल के लिए जमीन देखने के बाद स्वेच्छा से अपने घर के सामने बुलडोजर चलवाकर अतिक्रमण हटाया था।
सीएम ने कहा, “सांसद जी ने कहा कि जनता के आवागमन के लिए सुविधा होनी चाहिए। डेढ़ साल पहले उन्होंने अतिक्रमण हटाकर सड़क को फोर लेन में बदलने में योगदान दिया।” इस कदम से सिंगल लेन की सड़क अब फोर लेन की हो गई है, साथ ही नाला और यूटिलिटी डक्ट की सुविधा भी जोड़ी गई। इससे न केवल रविकिशन का घर सुरक्षित हुआ, बल्कि लोगों की यात्रा भी सुगम हो गई।
सीएम योगी ने बताया कि गोरखनाथ मंदिर के पास सड़क चौड़ीकरण की शुरुआत मंदिर की दुकानों को हटाकर की गई थी। इस पहल ने गोरखपुर में सड़क चौड़ीकरण के लिए एक मिसाल कायम की, जिसके बाद शहर की कई सड़कें चौड़ी हो सकीं। उन्होंने रविकिशन की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी तरह ही अन्य लोगों ने भी इस अभियान में भागीदारी निभाई।
स्वास्थ्य सुविधाओं में क्रांतिकारी बदलाव
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अब गोरखपुर में उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं की कोई कमी नहीं है। रिजेंसी हॉस्पिटल जैसे मल्टी सुपर स्पेशलिटी केंद्रों के साथ-साथ आयुष्मान भारत और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत मुफ्त इलाज उपलब्ध है। सीएम ने बताया कि पिछले एक साल में मुख्यमंत्री राहत कोष से 1100 करोड़ रुपये इलाज के लिए दिए गए हैं। उन्होंने कहा, “पहले गरीबों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं दुर्लभ थीं, लेकिन अब ये सहज उपलब्ध हैं। सरकार का लक्ष्य बिना भेदभाव के सभी को सुविधाएं देना है।”
रिजेंसी हॉस्पिटल: क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि
सीएम योगी ने रिजेंसी हॉस्पिटल को गोरखपुर, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमोत्तर बिहार और नेपाल के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। 250 बेड और 80 बेडेड आईसीयू के साथ यह अस्पताल क्षेत्र की पांच करोड़ आबादी को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा। उन्होंने अस्पताल के साझीदार तनमय मोदी की सराहना करते हुए कहा कि यह अस्पताल चिकित्सा सेवा में एक नया मानक स्थापित करेगा।
दस साल पहले थी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी
सीएम ने कहा कि दस साल पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहद खराब थीं। उस समय बीआरडी मेडिकल कॉलेज ही एकमात्र बड़ा केंद्र था, जो स्वयं कई समस्याओं से जूझ रहा था लेकिन अब बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर में एम्स, और कई अन्य अस्पतालों के साथ स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि बस्ती, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, अयोध्या, और अन्य जिलों में भी मेडिकल कॉलेज स्थापित हो चुके हैं।