ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। हिंद महासागर में चीन की बढ़ती ताकत के समक्ष अपनी रणनीति को धार देने में जुटे भारत को श्रीलंका की तरफ से एक ऐसा आश्वासन मिला है जैसा इस क्षेत्र के किसी और देश ने अभी तक नहीं दिया है। कोलंबो में पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायक ने कहा कि श्रीलंका अपनी जमीन या उसके आस-पास के समुद्री क्षेत्र का इस्तेमाल भारत के हितों के खिलाफ नहीं होने देगा। दोनों नेताओं की बैठक के बाद भारत और श्रीलंका के बीच सात समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इसमें एक समझौता रक्षा क्षेत्र में सहयोग को लेकर है।
भारत ने ऊर्जा क्षेत्र में अपने रणनीतिक साझेदार देश यूएई के साथ मिलकर त्रिंकोमाली में एक ऊर्जा केंद्र स्थापित करने का समझौता भी श्रीलंका से किया है। यह यूएई की ऊर्जा को खरीदार देगा, भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करेगा और श्रीलंका को अतिरिक्त राजस्व जुटाने का एक बढ़िया रास्ता देगा।
पीएम मोदी बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद थाइलैंड से कोलंबो पहुंचे थे। पीएम ने वहां भारत की मदद से तैयार दो रेल परियोजनाओं का उद्घाटन किया।