ब्लिट्ज ब्यूरो
पटना। चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव में अबकी बार कई नवाचार करने को तैयारी में जुटा है। इस क्रम में आयोग पहली बिहार से भारत सीरीज का मतदाता पहचान पत्र जारी करेगा। इसके उपरांत अन्य राज्यों के मतदाताओं को 2029 के लोकसभा चुनाव से पहले पूर्ण रूप से नया इपिक (मतदाता पहचान पत्र) उपलब्ध करा दिया जाएगा।
इस पहल के पीछे लक्ष्य यह है कि अब आधार, पैन या फिर गाड़ियों की तरह हर मतदाता का राष्ट्रीय स्तर का यूनिक मतदाता पहचान पत्र हो। चुनाव आयोग का प्रयास है कि हर हाल में सितंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर अक्टूबर के पहले सप्ताह तक सभी मतदाताओं को भारत सीरीज का नया इपिक उपलब्ध करा दिया जाए।
इससे डुप्लीकेट इपिक नंबर की समस्या का समाधान हो जाएगा। पूरे देश में एक ही इपिक नंबर चलेगा। स्थान परिवर्तन की स्थिति में सिर्फ पता बदलेगा, लेकिन इपिक नंबर पुराना ही रहेगा। इससे प्रत्येक मतदाता को विशिष्ट इपिक नंबर आवंटित करने की नई व्यवस्था लागू होगी।
वहीं, मतदाता सूची अद्यतन करने के लिए मृत्यु पंजीकरण का डेटा सीधे पंजीयक जनरल, भारत (आरबीआई) के डेटाबेस से प्राप्त किया जाएगा एवं सत्यापन के बाद नाम हटा दिए जाएंगे। मतदाता सूचना पर्ची को और अधिक स्पष्ट व उपयोगी बनाया जाएगा। अब क्रम संख्या एवं भाग संख्या को बड़े अक्षरों में प्रमुखता से दर्शाया जाएगा।
अब सौ मीटर दूरी पर लगेंगे प्रचार बूथ
राजनीतिक दल अब मतदान के दिन दूध से मात्र सौ मीटर की दूरी पर प्रचार बूथ लगा सकेंगे। पहले दो सौ मीटर पर लगाने की व्यवस्था थी। इसके साथ ही इस बार आयोग ने 1500 की तुलना में 1200 मतदाता पर ही एक बूथ बनाने का निर्णय किया है।
15 दिनों में मिलेगा नया मतदाता फोटो पहचान पत्र
इपिक की तेज एवं समयबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक नई मानक संचालन प्रक्रिया लागू की गई है। इस नई प्रक्रिया के तहत, मतदाता सूची में नए नामांकन या किसी मौजूदा मतदाता की जानकारी में परिवर्तन के 15 दिनी के भीतर इपिक वितरित किया जाएगा। नई प्रणाली के अंतर्गत इपिक के निर्माण से लेकर उसके डाक विभाग के माध्यम से मतदाता तक पहुंचने तक की हर प्रक्रिया की रियल टाइम ट्रैकिंग की जाएगी।
नहीं लगेंगी मतदाताओं की कतारें, अपार्टमेंट में बनेंगे बूथ
लोकतंत्र के उत्सव पर अब मतदाताओं की लंबी कतारें नहीं झेलनी होगी, न ही बूथ तक पहुंचने के लिए सफर तय करना पड़ेगा। अपार्टमेंट परिसर या फिर कम से कम दूरी पर मतदान केंद्र स्थापित बनाने की पहल आयोग करेगा। इस पहल से शहरी मतदाताओं का मतदान में उत्साह एवं सहभागिता दोनों बढ़ने की उम्मीद है। शहरों में गिरते मतदान प्रतिशत को देखते हुए आयोग अब अपार्टमेंट परिसरों एवं रिहायशी कालोनियों के अंदर ही मतदान केंद्र स्थापित करेगा।































