संजय द्विवेदी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही परिवहन विभाग में अनेक नई फेसलेस या संपर्क रहित सेवाओं की शुरुआत करने जा रही है। इन सेवाओं के तहत नागरिकों को अब आरटीओ (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) के चक्क र लगाने की जरूरत नहीं होगी। लोग घर बैठे ही हिल एंडोर्समेंट, डुप्लीकेट पब्लिक सर्विस व्हीकल (पीएसवी) बैज, रक्षा कर्मियों के वाहनों के लिए अतिरिक्त ड्राइविंग लाइसेंस एंडोर्समेंट और वाहन ऋण से जुड़े ऑनलाइन दृष्टिबंधक (हाइपोथिकेशन) जैसी सुविधाएं प्राप्त कर सकेंगे। अभी इन सुविधाओं के लिए लोगों को आरटीओ ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
केंद्र की पहल पर यूपी में सुधार
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने देशभर में परिवहन सेवाओं को पूरी तरह डिजिटल और फेसलेस बनाने का निर्देश दिया है। इसी क्रम में मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि उत्तर प्रदेश अपने सारथी और वाहन पोर्टल को और उन्नत बनाकर इन नई सेवाओं को शुरू करेगा।
क्या हैं फेसलेस सेवाएं?
फेसलेस या संपर्क रहित सेवाओं का मतलब है कि नागरिकों को अब ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण या परमिट से जुड़ी किसी भी सेवा के लिए आरटीओ कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी। आवेदन से लेकर स्वीकृति तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इसमें आधार आधारित प्रमाणीकरण, डिजिटल सत्यापन और ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड शामिल हैं। इससे न केवल जनता का समय और पैसा बचेगा बल्कि भ्रष्टाचार और बिचौलियों की भूमिका पर भी रोक लगेगी।
2000 के बाद फिर हिल एंडोर्समेंट
दिलचस्प बात यह है कि वर्ष 2000 में उत्तराखंड के अलग राज्य बनने से पहले, उत्तर प्रदेश में हिल एंडोर्समेंट की व्यवस्था थी। इसका अर्थ है कि पहाड़ी सड़कों पर वाहन चलाने के लिए विशेष अनुमति। यह व्यवस्था करीब 25 साल पहले बंद हो गई थी पर अब डिजिटल मोड में इसे दोबारा शुरू किया जा रहा है।
पहाड़ी इलाकों में चलने वाले वाणिज्यिक वाहन चालकों के लिए हिल एंडोर्समेंट अनिवार्य होता है, जिससे यह प्रमाणित होता है कि चालक को कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में वाहन चलाने का प्रशिक्षण प्राप्त है। अब यूपी के चालक बिना किसी दूसरे राज्य में आवेदन किए सारथी पोर्टल पर ऑनलाइन एंडोर्समेंट प्राप्त कर सकेंगे।
पीएसवी बैज होगा डिजिटल
राज्य ने हाल ही में पीएसवी (पब्लिक सर्विस व्हीकल) बैज जारी करने की प्रक्रिया को भी फिर से शुरू किया है। यह बैज टैक्सी, ऑटो, बस जैसे सार्वजनिक सेवा वाहनों के ड्राइवरों के लिए आवश्यक होता है। अब इसका डुप्लीकेट बैज भी फेसलेस मोड में मिलेगा। इसका अर्थ यह है कि भौतिक कार्ड की जगह ड्राइविंग लाइसेंस पर ही डिजिटल एंडोर्समेंट दिखाई देगा।
ऋण वाले वाहनों के लिए नई सुविधा
अब तक वाहन ऋण खत्म होने के बाद बंधक समाप्ति (हाइपोथिकेशन टर्मिनेशन) ऑनलाइन की जा सकती थी, लेकिन नया बंधक जोड़ने (हाइपोथिकेशन एडीशन) के लिए आरटीओ में व्यक्तिगत रूप से जाना पड़ता था। अब यह प्रक्रिया भी पूरी तरह ऑनलाइन होगी। इससे वाहन खरीदने वालों और बैंकों, दोनों को बड़ी राहत मिलेगी।
45 से अधिक सेवाएं अभी फेसलेस
एडिशनल कमिश्नर, परिवहन सुनीता वर्मा का कहना है कि उत्तर प्रदेश पहले से ही 45 परिवहन सेवाएं फेसलेस मोड में प्रदान कर रहा है और अब तीन से चार नई सेवाएं भी जोड़ी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईएससी) को सारथी सॉफ्टवेयर में हिल एंडोर्समेंट जैसी नई सेवाओं को शामिल करने का कार्य सौंपा गया है।
अफसरों का कहना है कि इन सुधारों के साथ उत्तर प्रदेश जल्द ही देश के सबसे डिजिटल और पारदर्शी परिवहन प्रशासन वाले राज्यों में शामिल होगा। इससे लोगों और विभाग दोनों को फायदा होगा। विभाग के डिजिटलाइज होने से यहां लगने वाली अनावश्यक भीड़ को कम किया जा सकेगा।































