ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। राफेल फाइटर जेट ब्रांड के मालिक डसॉल्ट एविएशन के शेयर आने वाले दिनों में फोकस में रह सकते हैं। दरअसल, फ्रांस की दिग्गज डिफेंस कंपनी ने टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड के साथ साझेदारी की है और अब मिलकर भारत में पहला लड़ाकू विमान बनाया जाएगा। डसॉल्ट एविशन और टाटा एडवांस सिस्टम लिमिटेड ने राफेल फाइटर जेट के फ्यूजलेस (मुख्य ढांचे) को भारत में बनाने के करार पर समझौता किया है। इस खबर से पेरिस स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड डसॉल्ट एविशन के शेयर 2% तक चढ़कर 323.20 यूरो पर पहुंच गए थे।
डसॉल्ट एविएशन के अध्यक्ष और सीईओ एरिक ट्रैपियर ने कहा, “पहली बार, राफेल की रीढ़ कहे जाने वाले मुख्य पार्ट का उत्पादन फ्रांस के बाहर किया जाएगा। यह भारत में हमारी सप्लाई चेन को मजबूत करने में एक निर्णायक कदम है।” यह सुविधा भारत के बढ़ते एयरोस्पेस बुनियादी ढांचे की आधारशिला होने की उम्मीद है।
कंपनी के शेयरों का हाल
डसॉल्ट एविएशन के शेयरों में इस साल अब तक 64 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 5 जून को, पेरिस स्टॉक एक्सचेंज में रक्षा स्टॉक 315.40 यूरो पर खुला और वर्तमान में सूचकांक पर 321.20 यूरो पर 1.52 प्रतिशत अधिक कारोबार कर रहा है।
डसॉल्ट एविएशन राफेल लड़ाकू विमानों का निर्माता है, जिसका इस्तेमाल भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी क्षेत्र में आतंकी ठिकानों, यानी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान के आतंकी शिविरों पर सटीक हमले करने के लिए किया था। 7 मई को भारतीय सशस्त्र बलों के नेतृत्व में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद डसॉल्ट एविएशन के शेयर ने निवेशकों का ध्यान खींचा। जैसे-जैसे भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा, शेयर में 66 प्रतिशत तक की जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई, हालांकि, बाद में इसमें गिरावट आई।





























