संजय द्विवेदी
लखनऊ। आेबीसी आरक्षण को लेकर उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियों को तेज कर दिया गया है। पंचायतीराज विभाग की ओर से पंचायतों में विभिन्न पदों पर आरक्षण सीमा को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए ओबीसी आयोग का गठन किया गया है। यूपी पंचायत चुनाव 2026 को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह अहम निर्णय लिया गया।
पंचायत और नगर निकाय चुनाव के दौरान ओबीसी आरक्षण को लेकर कई प्रकार के सवाल उठे थे। इसको देखते हुए पहले ही योगी आदित्यनाथ सरकार ने तैयारियां कर ली हैं। ओबीसी आयोग के गठन के फैसले से साफ हो गया है कि पंचायत चुनाव में सरकार किसी प्रकार के विवाद को पनपने देना नहीं चाहती है।
क्या है फैसला?
यूपी में अगले साल पंचायत चुनाव प्रस्तावित है। अप्रैल 2026 में संभावित पंचायत चुनाव को लेकर राज्य स्थानीय ग्रामीण निकाय समर्पित पिछड़ा आयोग के गठन को सरकार ने मंजूरी दे चुकी है।
इसके साथ ही पंचायत चुनाव की गति को तेज किया कर दिया गया है। पंचायतीराज विभाग ने पहले ही 57,695 पंचायतों में इस बार चुनाव कराने का निर्णय लिया है। सीटें तय होने के बाद अब आरक्षण सीमा के निर्धारण की तैयारी है। यह आयोग पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण की सिफारिश देगा।
इसी आधार पर आगामी पंचायत चुनाव में सीटों पर पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण तय किया जाएगा।
विभिन्न पदों पर होगा आरक्षण
यूपी पंचायत चुनाव 2026 में पिछड़ा वर्ग के लिए विभिन्न पदों पर आरक्षण निर्धारित किया जाएगा। आयोग की देखरेख में कार्य को पूरा कराया जाएगा। इससे किसी प्रकार की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं होगी। नगर निकाय चुनाव के दौरान ओबीसी आयोग का गठन नहीं होने के कारण उसे टालना पड़ा था। इसके बाद सरकार ने आयोग का गठन कर पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण तय कराया। फिर चुनावी प्रक्रिया पूरी कराई जा सकी।
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