दीपक द्विवेदी
यह कोई पहला अवसर नहीं है जब भारत की संसद में देश में सम्माननीय कहे जाने वाले जनप्रतिनिधियों यानी कि सांसदों ने अशोभनीय आचरण का प्रदर्शन किया हो और राष्ट्र की प्रतिष्ठा को चार चांद लगाने के बजाय उसको दागदार किया हो। संसदीय व्यवहार इतना उथला, अभद्र और अशोभनीय बनता जा रहा है कि इस पर अब कोई भी गंभीर या विचारपूर्ण टिप्पणी करना भी मुश्किल होता जा रहा है। दरअसल गृहमंत्री अमित शाह के सदन में दिए गए एक ऐसे वक्तव्य को लेकर हो रहे इस सारे विवाद को किसी भी दृष्टि से औचित्यपूर्ण नहीं कहा जा सकता है जोकि कहीं न कहीं मुख्य विपक्षी दल अर्थात कांग्रेस के पुराने इतिहास की सचाई को बेनकाब कर रहा है। हद तो तब हो गई जब बाबा साहेब आंबेडकर के कथित अपमान को लेकर सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक पिछले दिनों संसद परिसर में धक्क ा-मुक्क ी तक पहुंच गई। लोकतंत्र को शर्मसार करने वाली इस घटना में भाजपा के सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
दोनों पक्षों ने लोकसभा अध्यक्ष से और थाने में एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घायल सांसदों को फोन कर हालचाल जाना। शीतकालीन सत्र में पहली बार राजग के सांसद सदन शुरू होने के पहले ही मकर द्वार के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। तभी आंबेडकर प्रतिमा से मार्च करते हुए इंडिया गठबंधन के सांसद भी वहां पहुंच गए। प्राय: रोज यहां विपक्षी सांसद प्रदर्शन करते नजर आते हैं पर घटना वाले दिन बाबा साहेब आंबेडकर को लेकर कांग्रेस के खिलाफ एनडीए सांसदों ने सुबह से ही मोर्चा खोल रखा था। जैसी जानकारी है, उसके अनुसार सुरक्षा कर्मियों ने विपक्षी सांसदों से दूसरी ओर से जाने का आग्रह किया था लेकिन खरगे और राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई सांसद एनडीए सांसदों के बीच से ही जाने लगे। इसी दौरान धक्क ा-मुक्क ीहुई और सांसद प्रताप सारंगी एवं मुकेश राजपूत गिर गए। भाजपा ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर सांसद को धक्का देने का आरोप लगाया। हालांकि नेता प्रतिपक्ष ने इससे इनकार किया है और कहा है कि उन्हें सत्तारूढ़ पार्टी के एक सदस्य ने धक्क ा दिया था।
वैसे गृहमंत्री अमित शाह ने ऐसा क्या कह दिया था कि विपक्ष को आसमान गिरता हुआ दिखाई दिया और धरती फटती हुई नजर आई। अमित शाह ने मात्र यही कहा था कि ‘आप’ यानी कि कांग्रेस हर समय आंबेडकर-आंबेडकर करते रहते हैं। अगर इतनी रटन भगवान को लेकर की गई होती तो स्वर्ग मिल जाता। अब इसमें कांग्रेस को बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान नजर आ गया। कांग्रेस ने इसमें बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान कहां से देख लिया, कैसे देख लिया, यह कांग्रेस अभी तक नहीं बता पाई है पर कांग्रेस के साथ विपक्षी इंडिया गठबंधन के हर घटक ने इस कथित अपमान के मुद्दे को हाथों-हाथ लपक लिया। अब विपक्षी गठबंधन में से कोई गृहमंत्री अमित शाह का त्यागपत्र मांग रहा है तो कोई मोदी से अमित शाह को बर्खास्त करने की गुहार लगा रहा है। कोई भाजपा के कथित आंबेडकर के अपमान पर आंदोलन चलाने पर उतारू दिखाई दे रहा है। दूसरी ओर भाजपा ने भी कांग्रेस और आंबेडकर के रिश्ते का इतिहास उड़ेल कर रख दिया है जो बताता है कि आंबेडकर की उपेक्षा, अवहेलना या अपमान अगर सबसे ज्यादा किसी ने किया है तो वह कांग्रेस ने ही किया है। ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस को यह अच्छा नहीं लगा कि बाबा साहेब आंबेडकर के साथ भगवान को रखा जाए क्योंकि वह आंबेडकर को ही अपना भगवान मानने लगी है। शायद अमित शाह से भी चूक हो गई लगती है। गृहमंत्री को भी समझना चाहिए था कि विपक्षी दलों को भगवान का नाम लेने से मोक्ष प्राप्त नहीं होने वाला। हां, शायद यह संभव हो जाए कि बाबा साहेब आंबेडकर के नाम की माला जपने से संभवत: दलित सध जाएं और उसके पक्ष में वोट कर दें और यह भी हो सकता है कि इससे विपक्ष को सत्ता रूपी स्वर्ग की प्राप्ति हो जाए।
हम जो भी आचरण प्रदर्शित करेंगे, वही इस बात का फैसला करेगा कि हम सभ्य, ईमानदार तथा नैतिक आचरण में विश्वास रखने वाले लोग हैं और इसी से भविष्य में अनुकरणीय परंपराओं को आधार प्राप्त होगा। इसलिए यही प्रार्थना है कि ईश्वर सभी को सद्बुद्धि दें।
वैसे जो कुछ भी हुआ और हो रहा है; वह वास्तव में दुनिया के विशालतम लोकतंत्र की संसद के लिए किसी भी नजरिये से औचित्यपूर्ण नहीं कहा जा सकता है? बात-बात में लड़-भिड़ जाने वाले, तू-तू-मैं-मैं पर उतर आने वाले, एक-दूसरे से धक्क ा-मुक्क ी करने वाले सांसदों का आचरण किसी भी दृष्टि से शोभनीय कहा जा सकता। यह सारा प्रकरण संसद की गरिमा के लिए एक दाग के सिवा कुछ नहीं कहा जा सकता। हम जो भी आचरण प्रदर्शित करेंगे, वही इस बात का फैसला करेगा कि हम सभ्य, ईमानदार तथा नैतिक आचरण में विश्वास रखने वाले लोग हैं और इसी से भविष्य में अनुकरणीय परंपराओं को आधार प्राप्त होगा। इसलिए यही प्रार्थना है कि ईश्वर सभी को सद्बुद्धि दें।