ब्लिट्ज ब्यूरो
एकता नगर (गुजरात)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सरदार पटेल अन्य रियासतों की तरह पूरे कश्मीर को भी भारत में मिलाना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ऐसा नहीं होने दिया। गुजरात के एकता नगर में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर राष्ट्रीय समारोहों को संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने यह बता कही।
उन्होंने कहा, सरदार पटेल का मानना था कि इतिहास लिखने में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए बल्कि इतिहास बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
पीएम ने कहा, आजादी के बाद सरदार पटेल ने 550 से अधिक रियासतों का भारत संघ में विलय कराने का असंभव सा लगने वाला कार्य पूरा किया। उन्होंने जो नीतियां बनाईं, जो निर्णय लिए, इससे नया इतिहास रचा गया।
मोदी ने कहा, ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत का विचार उनके लिए सर्वोपरि था।’ मोदी ने कहा कि कश्मीर और देश को इस मुद्दे से निपटने में कांग्रेस की गलतियों की भारी कीमत चुकानी पड़ी है। कश्मीर का विभाजन हुआ, उसे अलग संविधान और झंडा दिया गया और खामियाजा भुगतना पड़ा।
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि घुसपैठिये हमारे संसाधनों पर कब्जा कर रहे हैं और जनसांख्यिकीय संतुलन को बिगाड़ रहे हैं, जिससे देश की एकता खतरे में पड़ रही है। लेकिन पिछली सरकारों ने केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर आंखें मूंद ली थीं।
कांग्रेस पर निशाना साधा
पीएम मोदी ने कहा,इस पार्टी को भारत पर राज करने वाले अंग्रेजों से गुलामी की मानसिकता विरासत में मिली है। हम सभी जानते हैं कि कांग्रेस ने आंबेडकर के साथ उनके जीवनकाल में और उनके निधन के बाद भी क्या किया?
भाषा को थोपने का प्रयास नहीं किया
पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि कांग्रेस ने बासाहेब आंबेडकर के साथ उनके जीवनकाल में और उनके निधन के बाद भी क्या किया?
कुछ राज्यों में भाषा विवाद के बीच प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि हर भाषा एक राष्ट्रीय भाषा है और किसी भी भाषा को दूसरों पर थोपने का कभी कोई प्रयास नहीं किया गया। भाषा को भारत की एकता का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए उन्होंने कहा कि देश की सैकड़ों भाषाएं और बोलियां इसकी खुली और रचनात्मक सोच का प्रतीक हैं।




























