ब्लिट्ज ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश में बादल फटने, भारी बारिश और भूस्खलन से जान-माल का व्यापक नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति की समीक्षा की। केंद्र सरकार ने प्रदेश के लिए 1500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है।
पीएम मोदी ने सबसे पहले बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद कांगड़ा में एक आधिकारिक बैठक की, जिसमें राहत कार्यों की समीक्षा के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश में हुए नुकसान का आकलन भी किया गया।
हवाई सर्वेक्षण के जरिए हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और लैंडस्लाइड की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा, इस कठिन समय में हम प्रदेश के अपने भाई-बहनों के साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं। इसके साथ ही प्रभावित लोगों की मदद के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने भयंकर नुकसान को देखते हुए प्रदेश के लिए 1500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की। इसके साथ ही, एसडीआरएफ और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की दूसरी किस्त भी एडवांस जारी करने के आदेश दिए।
स्कूलों को नुकसान
स्कूलों को हुए भारी नुकसान को देखते हुए, समग्र शिक्षा अभियान के तहत समय पर सहायता दी जाएगी। बारिश के पानी को स्टोरेज के लिए वॉटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाए जाएंगे।
आपदा प्रभावित परिवारों से की मुलाकात
पीएम मोदी ने इस आपदा से प्रभावित परिवारों से भी मुलाकात की। उन्होंने आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना और गहरा दुःख व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, केंद्र सरकार इस कठिन समय में राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करेगी और हर संभव सहायता प्रदान करेगी। राज्यों को अग्रिम भुगतान सहित सभी प्रकार की सहायता प्रदान की जा रही है। प्रधानमंत्री ने बैठक से पहले इस त्रासदी की शिकार कृष्णा देवी और त्रासदी से अनाथ हो चुकी निकिता से मिलकर पूरी मदद का आश्वासन दिया।
‘हर समस्या से निपटेंगे’
पीएम ने तत्काल राहत और बचाव कार्यों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, राज्य प्रशासन के प्रयासों की सराहना की। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रदेश में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आश्वासन दिया कि केन्द्र सरकार हर समस्या से निपटने के लिए सभी प्रयास करेगी।
पीएम ने दिए निर्देश
– बाढ़ और प्राकृतिक आपदा में मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद राशि दी जाएगी।
– घायलों को 50,000 रुपये की आर्थिक मदद केंद्र सरकार करेगी।
– जिन किसानों के पास बिजली कनेक्शन नहीं है, उन्हें अतिरिक्त सहायता दी जाएगी।
– प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत, क्षतिग्रस्त घरों की जियोटैगिंग की जाएगी। इससे नुकसान का सटीक आकलन करने और प्रभावित लोगों तक तेजी से सहायता पहुंचाने में मदद मिलेगी।