ब्लिट्ज ब्यूरो
अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बने भव्य मंदिर को अभेद्य सुरक्षा घेरे से लैस किया जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट की ओर से इस योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। योजना बनकर तैयार है। मंदिर परिसर के बाहरी भाग में 3400 मीटर लंबी और 16 फीट ऊंची दीवार का निर्माण कराया जाएगा। यह दीवार तमाम सुरक्षा इंतजामों से लैस होगी। आधुनिक सुरक्षा उपकरण इस पर लगाए जाएंगे। मंदिर परिसर में अवांछित तत्वों के घुसने से रोकने में यह सफल होगी। इससे मंदिर में आने वाले भक्तों की सुरक्षा व्यवस्था भी पुख्ता हो सकेगी।
अगस्त से शुरू होगा निर्माण
अगस्त माह से मंदिर परिसर के चारों ओर 3400 मीटर लंबी और 16 फीट ऊंची भव्य सुरक्षा दीवार (बाउंड्रीवाल) के निर्माण का कार्य शुरू होने जा रहा है। इस दीवार का उद्देश्य जहां मंदिर परिसर की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। वहीं, इसे एक व्यवस्थित और पवित्र धार्मिक क्षेत्र के रूप में भी सुदृढ़ करना है।
ट्रस्टी ने दी जानकारी
राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि बाउंड्रीवाल के निर्माण की शुरुआत मंदिर परिसर की उत्तरी दिशा से की जाएगी। इस निर्माण कार्य को पूरा करने में छह से आठ महीने का समय लगेगा। दीवार को आधुनिक सुरक्षा उपकरणों से लैस किया जाएगा, जिसमें कटीले तार, सेंसर और वॉच टावर शामिल होंगे। मंदिर परिसर के चारों ओर 20 फीट चौड़ा खाली क्षेत्र भी छोड़ा जाएगा, ताकि सुरक्षा बलों को पेट्रोलिंग में किसी प्रकार की बाधा न हो।
सुरक्षा पर विशेष जोर
प्रस्तावित बाउंड्रीवाल की परिधि में कई प्राचीन मठ और मंदिर भी आ रहे हैं, जो अयोध्या की आध्यात्मिक विरासत से जुड़े हुए हैं। इन स्थलों की धार्मिक गरिमा और परंपराओं को ध्यान में रखते हुए राम मंदिर ट्रस्ट, जिला प्रशासन और संत समाज के बीच लगातार संवाद और समन्वय की प्रक्रिया चल रही है।
प्रशासन ने आश्वस्त किया है कि आस्था और संरचना दोनों में संतुलन बनाए रखते हुए समावेशी योजना तैयार की जा रही है। इस योजना को लेकर किसी को कोई आपत्ति न हो, इसका ध्यान रखा जाएगा।
चार भव्य द्वारों से होगी सुसज्जित
राम मंदिर के चारों तरफ बनने वाले बाउंड्रीवाल में चार भव्य प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। इनके नाम रामानंदाचार्य, माधवाचार्य, शंकराचार्य और रामानुजाचार्य के नाम पर रखे गए हैं। इनमें से दो द्वार का निर्माण पूरा हो चुका है। एक द्वार का निर्माण प्रगति पर है। अंतिम द्वार का निर्माण जल्द शुरू किया जाएगा।
80 से 90 करोड़ रुपये की लागत
इस सुरक्षा दीवार के निर्माण पर करीब 80 से 90 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसकी जिम्मेदारी इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड को सौंपी गई है। बाउंड्रीवाल की डिजाइन और इंजीनियरिंग ड्रॉइंग का कार्य लगभग अंतिम चरण में है, जिसे मंदिर की आध्यात्मिक भव्यता और वास्तुशास्त्र के अनुरूप तैयार किया गया है।































