ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट पीएमएलए के विभिन्न प्रावधानों को बरकरार रखने वाले अपने पहले के फैसले की समीक्षा के लिए दायर याचिकाओं पर आधारित 13 बिंदुओं पर सुनवाई को आगे बढ़ाएगा। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्होंने एक हलफनामा दायर किया है जिसमें कहा गया है कि समीक्षा केवल दो मुद्दों तक सीमित होगी। अदालत कृपया दूसरा आदेश देखे, उस पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि उस आदेश में कभी भी अधिकतम दो विषय तक सीमित नहीं रखा गया है। सिब्बल ने कहा कि वैसे भी, एक और मामले में पूरा नोटिस जारी किया गया है। सिर्फ दो मुद्दों तक मामला सीमित नहीं है। कई और मामले हैं। उन पर भी यहां सुनवाई होनी चाहिए।
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने कहा कि इसका उल्लेख आपको मुख्य न्यायाधीश के समक्ष करना होगा। हम यही मानते हुए आगे बढ़ेंगे कि सभी मुद्दे विचाराधीन हैं। हम सभी जानते हैं कि समीक्षा की अपनी सीमाएं होती हैं। हमारा सुझाव है कि आप पहले प्रारंभिक मुद्दों पर बहस करें। हम सबसे पहले प्रारंभिक मुद्दों का निर्धारण करेंगे तथा यह भी निर्धारित करेंगे कि हमारे विचारार्थ कौन से मुद्दे हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने तीन प्रारंभिक मुद्दे प्रस्तावित किए हैं। समीक्षा याचिकाकर्ता ने हमारे विचारार्थ 13 प्रश्न प्रस्तावित किए हैं। चूंकि प्रस्तावित मुद्दे समीक्षा कार्यवाही में उठ रहे हैं, इसलिए हम सबसे पहले समीक्षा याचिकाओं की स्वीकार्यता पर पक्षकारों की सुनवाई करने का प्रस्ताव रखते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आखिर में अगर दलीलें अंतिम रूप से स्वीकार्य पाई जाती हैं तो विचार के लिए उठने वाले प्रश्नों का निर्धारण भी हमारी तरफ से ही किया जाएगा।