ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और बस स्टैंड से दूर रखने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि स्कूल-कॉलेज और अस्पतालों में बाड़ लगाई जाए, ताकि आवारा कुत्ते वहां न पहुंच सकें।
कोर्ट ने कहा कि पकड़े गए आवारा कुत्तों को उसी जगह पर वापस नहीं छोड़ा जाए, जहां से उन्हें उठाया गया था। उन्हें शेल्टर होम में रखा जाए। कोर्ट ने सभी नेशनल और स्टेट हाईवे से आवारा पशु हटाने का आदेश भी दिया। सर्वोच्च अदालत ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव से इन आदेशों का सख्ती से पालन कराने को कहा है। 3 हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट और हलफनामा मांगा गया है। अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी।
राजस्थान हाईकोर्ट ने दिया था ऐसा ही आदेश
राजस्थान हाईकोर्ट ने 3 महीने पहले सरकारी एजेंसियों को सड़कों से आवारा जानवरों को हटाने का आदेश दिया था। कार्रवाई को प्रभावित करने वालों के खिलाफ एफआईआर के आदेश भी दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला पूरे देश में लागू होगा। याचिका लगाने वालों ने कहा है कि आदेश बेहद कठोर है।
कोर्ट के आदेश की बड़ी बातें
सभी नेशनल हाईवे पर आवारा पशुओं की मौजूदगी की सूचना देने के लिए हेल्पलाइन नंबर होंगे।
सभी राज्यों के मुख्य सचिव इन निर्देशों का सख्ती से पालन करवाएंगे।
स्टेटस रिपोर्ट और हलफनामा 3 हफ्ते में दायर किया जाए।
राज्य सरकारें और यूटी 2 हफ्ते में ऐसे सरकारी और निजी स्कूल-कॉलेज, अस्पतालों की पहचान करेंगी, जहां आवारा जानवर और कुत्ते घूमते हैं। उनकी एंट्री रोकने के लिए कैंपस में बाड़ लगाई जाएगी।
रखरखाव के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त होगा।
नगर निगम, नगर पालिका और पंचायत हर 3 महीने में कम से कम एक बार इन कैंपस की जांच करें।
पकड़े गए आवारा कुत्तों को उसी जगह पर वापस नहीं छोड़ा जाए, जहां से उन्हें उठाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले आदेश में क्या कहा था
सुप्रीम कोर्ट ने 3 नवंबर को कहा था कि वह सरकारी बिल्डिंग्स के कैम्पस में कुत्तों को खाना खिलाने के नियम के लिए निर्देश जारी करेगा। कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने से भी राहत दी थी लेकिन चेतावनी दी थी कि हलफनामे में चूक हुई, तो उन्हें पेश होना पड़ेगा।
कैसे शुरू हुआ मामला
यह मामला सुप्रीम कोर्ट ने 28 जुलाई को एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वयं नोटिस में लिया था। इसमें दिल्ली में खासकर बच्चों के बीच,आवारा कुत्तों के काटने और उससे होने वाले रेबीज के मामलों की जानकारी दी गई थी। बाद में, सुप्रीम कोर्ट ने मामले का दायरा दिल्ली-एनसीआर तक सीमित न रखते हुए इसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कर दिया था।
जानवरों को बचाने वालों पर एफआईआर
राजस्थान हाईकोर्ट ने तीन महीने पहले जिम्मेदार सरकारी एजेंसियों को सड़कों से आवारा जानवरों को हटाने का आदेश दिया था। कहा था- कार्रवाई को प्रभावित करने वालों के खिलाफ एफआईआर भी होगी। राजस्थान में साल 2024 में डॉग बाइट के 3 लाख से ज्यादा केस सामने आए थे।
यूपी की दर्दनाक घटना
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। यहां 6 साल की मासूम बच्ची पर आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। कुत्ते बच्ची को मुंह में दबाकर एक किनारे ले गए और नोच कर मार डाला।





























