ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। आने वाले समय में आपको यूपीआई के जरिए पेमेंट करने के लिए एक शुल्क देना पड़ सकता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर संजय मेहरोत्रा ने इस ओर इशारा किया है।
उन्होंने कहा कि पूरी तरह से फ्री डिजिटल ट्रांजेक्शन समाप्त किया जा सकता है। आरबीई गवर्नर ने कहा कि यूपीआई लगातार नई ऊंचाईयों को छू रहा है लेकिन इसे वित्तीय तौर पर टिकाऊ बनाने के लिए प्रयास करना होगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि किसी न किसी को तो खर्च को उठाना पड़ेगा।
क्या कहा आरबीआई गवर्नर ने
मीडिया के साथ बात करते हुए संजय मेहरोत्रा ने कहा है कि यूपीआई मौजूदा समय में बिना किसी यूजर चार्ज के चल रहा है। इस पूरे सिस्टम को फ्री रखने के लिए सरकार की तरफ से बैंक और अन्य को सब्सिडी दी जा रही है। वो कहते हैं, पेमेंट और पैसा आज के समय की लाइफलाइन हैं। हमें एक कुशल और मजबूत सिस्टम की आवश्यकता है।
सरकार की तरफ से बैंक और यूपीआई से जुड़ी अन्य संस्थाओं को सब्सिडी दी जा रही है जिससे यूपीआई पेमेंट सिस्टम को फ्री रखा जा सके लेकिन इसके उपयोग के लिए कुछ लागत तो चुकानी ही पड़ेगी।
यूपीआई पेमेंट में इजाफा
आरबीआई गवर्नर का बयान ऐसे समय में आया है जब यूपीआई पेमेंट में तेज इजाफा देखने को मिला है। रोजाना हो रहे ट्रांजेक्शन महज 2 साल में डबल हो गए हैं। 31 करोड़ से बढ़कर ट्रांजेक्शन 60 करोड़ पहुंच गए हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि जीरो एमडीआर की पॉलिसी को जारी रखने का निर्णय अंततः फैसला सरकार को करना है। बता दें, बीते काफी समय से इस बात की चर्चा हो रही है कि क्या यूपीआई के जरिए सरकार पैसा वसूलेगी। यूपीआई पेमेंट के शुल्क को लेकर मार्केट में चर्चाओं का बाजार गर्म है।































