संजय द्विवेदी
लखनऊ। वर्ष 2047 तक उत्तर प्रदेश को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के लिए एक सशक्त, संतुलित और नवाचारी रोडमैप तैयार करने की दिशा में ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से योजना भवन में ‘विकसित उत्तर प्रदेश @ 2047’ पर्यटन कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस एक दिवसीय कार्यशाला में दिनभर विभिन्न संवाद सत्रों में पर्यटन के विविध आयामों पर चर्चा हुई। इसमें प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों, नीति-विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और उद्योग जगत के अनुभवी प्रतिनिधियों की सहभागिता ने एक समग्र दृष्टि विकसित करने में अपने विचार दिए जो पर्यटन के दीर्घकालिक, सतत और समावेशी ‘टूरिज्म विजन डॉक्यूमेंट 2047’ को आकार देने में मदद करेंगे। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में जनवरी-जून 2025 के बीच 121 करोड़ से अधिक पर्यटक आए जिससे प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने में बड़ी मदद मिल रही है।
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि ‘हम साझा किए गए सभी मूल्यवान सुझावों के लिए आभारी हैं। यह सुझाव उत्तर प्रदेश के लिए एक संगठित और कार्यात्मक विजन डॉक्यूमेंट 2047 तैयार करने में सहायक होंगे। आने वाले समय में प्रदेश का पर्यटन विकास सामुदायिक भागीदारी, सतत योजना और प्रत्येक क्षेत्र में बेहतर अनुभव पर आधारित रहेगा।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी, प्रमुख सचिव पर्यटन अमृत अभिजात तथा पर्यटन महानिदेशक राजेश कुमार ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार साझा किए। इनके नेतृत्व में विभागीय प्राथमिकताओं, नीतिगत सुधारों और निवेश संभावनाओं आदि पर विस्तार से चर्चा हुई। योजना विभाग, आयुष विभाग, संस्कृति विभाग और राज्य परिवर्तन आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कार्यशाला का हिस्सा बनकर विभिन्न विभागों के बीच समन्वय विकसित करने पर बल दिया। अद्यतन सत्र में नीति आयोग के प्रतिनिधि तथा राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों के विशेषज्ञों ने भी अपने विचार रखे।
सीएम के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने कहा, कि ‘पर्यटन सदैव और सर्वदा रहने वाला क्षेत्र है। उत्तर प्रदेश घरेलू पर्यटन में पहले पायदान पर है जबकि विदेशी पर्यटन में चौथे पायदान पर है। मौजूदा वर्ष 2025 में जबकि अभी एक महीना शेष है, पर्यटकों का आगमन नए रिकॉर्ड की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि बीते सात वर्षों के दौरान 2019 का कुंभ और 2025 का महाकुंभ हमारी पर्यटन प्रगति को दर्शाता है। अयोध्या, काशी की तरह ही मथुरा में भी आधारभूत संरचना के विकास पर जोर दिया गया।
पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि बीते आठ वर्षों में राज्य सरकार द्वारा हवाई, रेल, सड़क सहित अन्य कनेक्टिविटी विकसित किए जाने से प्रदेश में पर्यटन में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली। बेहतर प्रशासन और अपराधमुक्त माहौल ने भी आगंतुकों को आने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यूपी में म्यूजियम की वृहद श्रंखला है। मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट शौर्य संग्रहालय का काम भी तेजी से चल रहा है। उन्होंने पर्यटन में सोशल मीडिया, डिजिटल माध्यम, संस्कृति आधारित पर्यटन, स्किल डेवलपमेंट, स्मार्ट टूरिज्म और टूरिस्ट सेफ्टी पर अपने विचार प्रस्तुत किए। महाकुंभ-2025 के दौरान महज 45 दिनों में 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन को बड़ी उपलब्धि बताया।
पर्यटन विभाग के महानिदेशक राजेश कुमार ने कहा कि ‘उत्तर प्रदेश पर्यटन विकास के अपने सबसे सशक्त दौर में प्रवेश कर रहा है। एक्सप्रेस-वे, नए एयरपोर्ट, वंदे भारत कॉरिडोर और दीपोत्सव, देव दीपावली व महाकुंभ जैसे वैश्विक आयोजनों ने राज्य के पर्यटन तंत्र को नई गति दी है। उन्होंने कहा कि सामुदायिक आधारित पर्यटन, तराई क्षेत्र में ईको-टूरिज्म और नए सर्किटों का विस्तार भविष्य में स्थायी व समावेशी विकास की नींव बनेगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग बेड एंड ब्रेकफास्ट एवं होम स्टे पॉलिसी के माध्यम से स्थानीय निवासियों के लिए आय और रोजगार के नए अवसर पैदा कर रहा है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (स्टेट ट्रांसफॉर्मेशन कमीशन, उप्र) मनोज कुमार सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग को वर्तमान समय में इनबाउंड टूरिज्म पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। केरल की तर्ज पर प्रदेश में वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। आयुष, योग और पंचकर्म आधारित पर्यटन पर विशेष फोकस हो, तो परिणाम बेहतर आएंगे। उन्होंने राज्य के पर्यटन स्थलों के आस-पास सफाई की समुचित व्यवस्था को सर्वोपरि बताया।
यूपीएसटीडीसी के प्रबंध निदेशक आशीष कुमार ने बताया कि यूपीएसटीडीसी टूर पैकेजों को लंबी अवधि के प्रवास, सांस्कृतिक गतिविधियों और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर उपयोग के अनुरूप पुन: डिजाइन कर रहा है। ईको-टूरिज्म निदेशक पुष्प कुमार ने वेटलैंड पुनर्स्थापना, वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर को मजबूत करने और प्रकृति आधारित पर्यटन मॉडल पर राज्य की प्राथमिकताओं को साझा किया। उन्होंने दुधवा, पीलीभीत और कतर्नियाघाट को मॉडल साइटों के रूप में प्रस्तुत किया।
इको फ्रेंडली टूरिज्म पर विशेष ध्यान, योग और वेलनेस सेंटर से पर्यटकों को करेंगे आकर्षित
– पर्यटन स्थलों को अत्याधुनिक बनाने पर जोर
– यूपी में पर्यटन के लिए असीमित संभावनाएं
– पर्यटन मंत्री बोले- ‘पर्यटन विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने में सहायक होंगे सुझाव’

