नीलोत्पल आचार्य
नई दिल्ली। आपको जानकर हैरानी होगी कि आपका फोन ही नहीं, आपकी टीवी और घर का हर स्मार्ट डिवाइस न केवल आपको सुन रहा है, बल्कि वह आपकी सोच, इच्छाओं और व्यवहार को भी रिकॉर्ड कर रहा है।
अमेरिकी फर्म 404 मीडिया की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि हर बार जब आप कोई एप डाउनलोड करते हैं या किसी एप को अपडेट करते हैं तो आप उसे अपनी बातचीत रिकॉर्ड करने की इजाजत दे देते हैं। दरअसल, लोग उस पूरे एग्रीमेंट को बिना पढ़े, ओके कर देते हैं। यह भी नहीं देखते कि एप को बातचीत रिकॉर्ड करने की मंजूरी भी दे दी गई है।
फिर वही एप एक्टिव
लिसनिंग एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर फोन के माइक्रोफोन के जरिए आपकी सारी बातें सुनते हैं। यहां तक कि गूगल और फेसबुक जैसी बड़ी टेक कंपनियां भी ऐसा करती हैं। बातचीत का सबसे ज्यादा इस्तेमाल विज्ञापन के लिए किया जाता है। एक्टिव लिसनिंग टेक्नोलॉजी के जरिए स्मार्ट फोन या किसी भी और स्मार्ट डिवाइस में रिकॉर्ड रियल टाइम बातचीत को उनकी सर्च हिस्ट्री से एआई के जरिए मैच किया जाता है। इसके बाद संभावित ग्राहक के सोशल मीडिया अकाउंट पर वैसे ही एड दिए जाते हैं। यही वजह है कि किसी चीज को सर्च किए बिना भी उसके बारे में बात करते ही उसके एड आपके फोन पर आने लगते हैं।
470 स्रोतों से किसी का भी डेटा जुटाएगी एआई तकनीक
अमेरिकी मार्केटिंग फर्म सीएमजी ने डेटा कलेक्शन के लिए नई एआई टेक्नोलॉजी लॉन्च की है। यह किसी का भी डेटा 470 स्रोतों से जुटा सकती है। इससे उपभोक्ताओं के व्यवहार व उनकी जरूरतों को एड कंपनियां ज्यादा बारीकी से समझ पाएंगी। यह पारंपरिक ऑनलाइन ट्रैकिंग से कहीं एडवांस्ड है।