ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पूर्व अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में 20 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया। अग्निवीरों को आयु सीमा में भी तीन साल की छूट मिलेगी। इसके साथ ही एसआई भर्ती में भी आयु सीमा में तीन साल की छूट दी गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में 3 जून, मंगलवार को लोकभवन में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया।
प्रदेश में पूर्व अग्निवीरों को पुलिस कॉन्स्टेबल, पीएसी कॉन्स्टेबल घुड़सवार व फायरमैन की भर्ती में 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा। भर्ती में पूर्व सैनिकों की तरह अग्निवीरों को भी आयु सीमा में भी 3 वर्ष की छूट दी जाएगी।
बैठक के बाद वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अग्निवीर योजना देशभक्ति से प्रेरित युवाओं को थल सेना, वायु सेना और नौसेना में सेवा करने का अवसर देती है। अग्निवीरों का पहला बैच 2026-27 में अपना चार साल का कार्यकाल पूरा कर लेगा। जिन अग्निवीरों को नागरिक जीवन में वापस भेजा जाएगा, उनमें से अगर कोई यूपी पुलिस या पीएसी में भर्ती के लिए आवेदन करता है तो उन्हें 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। यह लाभ उन्हें उनकी आरक्षित श्रेणी में ही मिलेगा।
मसलन, अभ्यर्थी अगर अनारक्षित वर्ग का है तो उसे अनारक्षित वर्ग में और ओबीसी वर्ग है तो उसे ओबीसी वर्ग में 20 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा।
यूपी की भर्तियों में आरक्षण का लाभ उन्हें ही मिलेगा जो यूपी के ही निवासी हों। वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय बलों सहित विभिन्न राज्यों में इन्हें 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, यूपी उन्हें दो गुना कोटा देगा।
1 से 6 कमरे का होम स्टे बना सकेंगे
पर्यटन एवं धार्मिक स्थलों पर आवासीय सुविधा को बढ़ावा देने व रोजगार प्रोत्साहित करने के लिए पर्यटन विभाग की होम स्टे एंड ब्रेक एंड ब्रेकफस्ट नीति को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। यह नीति आवासीय भवनों के लिए होगी जिसमें अधिकतम दो/तिहाई क्षेत्र को किराए पर दिया जा सकेगा। होम स्टे 1 से 6 कमरे या अधिकतम 12 बेड के हो सकेंगे। जिन घरों में मकान मालिक नहीं रहते वह केयर टेकर के जरिए अपने आवास को होम स्टे में तब्दील कर सकेंगे। एक बार में पर्यटक अधिकतम 7 दिन के लिए बुकिंग करवा सकेंगे। इसके बाद इसे दोबारा बुकिंग करवानी होगी।
होम स्टे के लिए मकान मालिक को पर्यटन विभाग के पोर्टल up-tourismportal.in पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। डीएम की अगुआई वाली कमेटी इस पर फैसला करेगी। कमेटी में पुलिस, नगर निगम के अधिकारी भी सदस्य होंगे, जबकि, जिला पर्यटन अधिकारी इसका सचिव होगा।
पंजीकरण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 500 से 750 रुपये और शहरी क्षेत्र में 2000 रुपये आवेदन शुल्क तय किया गया है। पंजीकरण 3 साल के लिए वैध होगा। इस नीति के लागू होने के एक साल के भीतर पहले से चल रहे होम स्टे को भी पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा।
अग्निवीरों को 20 प्रतिशत आरक्षण देने वाला यूपी देश का अब पहला राज्य बन गया है। अग्निवीर राज्य की अमूल्य निधि हैं। -योगी आदित्यनाथ, सीएम































