ललित दुबे
वाशिंगटन। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के चुनावों में मैदान में उतरे 38 साल के भारतीय-अमेरिकी सुहास सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत जैसे कुछ देश हैं, जिनमें इतनी प्रतिभा है कि वे हमारे आर्थिक भविष्य का एक बड़ा हिस्सा बन सकते हैं और अमेरिका में बहुत योगदान दे सकते हैं। सुब्रमण्यम ने वैध आव्रजन के मुद्दे पर कहा कि एच1बी वीजा वाले ग्रीन कार्ड पाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें 10-15 साल इंतजार करना पड़ता है। सुब्रमण्यम ने वादा किया कि अगर वह चुनाव जीतते हैं तो वैध आव्रजन और छोटे व्यवसायों की मदद कर अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही बड़े पैमाने पर आव्रजन सुधार पर काम करेंगे।
मौजूदा वक्त में वह वर्जीनिया राज्य के सीनेटर हैं और वर्जीनिया के 10वें कांग्रेसनल जिले से निचले सदन के लिए डेमोक्रेटिक टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
सुब्रमण्यम ने कहा, मैं वाशिंगटन, डीसी, डलास एयरपोर्ट क्षेत्र के ठीक बाहर के क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए अमेरिकी कांग्रेस का चुनाव लड़ रहा हूं। हमें पूरा विश्वास है हर कोई बाहर आए और वोट करे तो मैं पूरे पूर्वी तट और अमेरिका के दक्षिण से कांग्रेस के लिए चुना जाने वाला पहला भारतीय-अमेरिकी उम्मीदवार होऊंगा।
भारतीय होने पर गर्व
सुब्रमण्यम ने कहा, मेरे माता-पिता 70 के दशक के अंत में डलास हवाई अड्डे से अमेरिका आए थे। उन्होंने एक अच्छा जीवन जीने के लिए यहां आने का फैसला लिया था।
उन्होंने मुझे कुछ मूल्य सिखाए, अपनी भारतीय जड़ों से जुड़ा रखना सिखाया। मेरे लिए उस विरासत को जारी रखना बहुत अहम है। मेरे पास बहुत सारी योजनाए हैं जो मैं पूरी करना चाहता हूं, लेकिन अपनी पृष्ठभूमि, अपनी विरासत पर गर्व करते हुए इन पर आगे बढ़ना चाहता हूं।