विनोद शील
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आत्मविश्वास से भरा भारत एक नई यात्रा पर निकल पड़ा है और अब लक्ष्य ‘विकसित भारत’ का निर्माण करना है। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील के रियो जी जेनेरियो में ‘सामाजिक समावेशन और भूख तथा गरीबी के खिलाफ लड़ाई’ पर जी20 सत्र को संबोधित करते हुए इस वैश्विक मंच से दुनिया को भारत की सफलता का मंत्र बताया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की सफलता का मुख्य कारण उनकी सरकार का ‘बुनियादी बातों की ओर वापस लौटना’ तथा ‘भविष्य की ओर बढ़ने’ का दृष्टिकोण है। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक संस्थाओं में सुधार आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 के शिखर सम्मेलन में कहा कि वैश्विक संघर्षों के कारण खाद्य, ईंन्धन और उर्वरक संकट से ग्लोबल साउथ के देश सबसे अधिक प्रभावित हैं। जी20 को इसे हल करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। पीएम मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए किए गए भव्य प्रबंधों और जी20 की सफल अध्यक्षता के लिए राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा को बधाई भी दी।
एसडीजी को दी प्राथमिकता
पीएम मोदी ने कहा कि नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में लिए गए जन-केंद्रित निर्णयों को ब्राजील की अध्यक्षता के दौरान आगे बढ़ाया गया है। यह बहुत संतोष की बात है कि हमने एसडीजी को प्राथमिकता दी। हमने समावेशी विकास, महिला नेतृत्व वाले विकास और युवा शक्ति पर ध्यान केंद्रित किया। यह साफ है कि एक पृथ्वी एक परिवार एक भविष्य, इस शिखर सम्मेलन में भी उतना ही प्रासंगिक है जितना कि पिछले साल था।
बताई भारत की ताकत
उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में हमने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। 80 करोड़ से ज़्यादा लोगों को मुफ्त में अनाज दिया जा रहा है। दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना से 55 करोड़ लोग लाभान्वित हो रहे हैं। अब 70 साल से ज़्यादा उम्र के 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिक भी मुफ़्त स्वास्थ्य बीमा का लाभ उठा सकेंगे।
महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास और सामाजिक समावेशन पर अपना ध्यान केंद्रित रखते हुए 30 करोड़ से ज्यादा महिला सूक्ष्म उद्यमियों को बैंकों से जोड़ा गया है और उन्हें ऋण तक पहुंच प्रदान की गई है। विश्व की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना के अंतर्गत 4 करोड़ से अधिक किसानों को 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर का लाभ प्राप्त हुआ है। किसान योजना के तहत 11 करोड़ किसानों को 40 बिलियन डॉलर से अधिक की सहायता दी गई है।
– भारत विकास, शांति, समृद्धि और लोकतंत्र का प्रतीक
ब्राजील की पहल का किया समर्थन
इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा में भी योगदान दे रहा है। हमने हाल ही में मलावी, जाम्बिया और जिम्बाब्वे को मानवीय सहायता प्रदान की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम भूख और गरीबी के खिलाफ वैश्विक गठबंधन के लिए ब्राजील की पहल का समर्थन करते हैं। यह नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में अपनाए गए खाद्य सुरक्षा के लिए डेक्कन उच्च स्तरीय सिद्धांतों के लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ग्लोबल साउथ करेगा वैश्विक संस्थाओं में सुधार
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि मैं यह कहना चाहूंगा कि वैश्विक संघर्षों की वजह से खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट से वैश्विक दक्षिण के देश सबसे अधिक प्रतिकूल रूप से प्रभावित हैं। इसलिए हमारी बातचीत तभी सफल हो सकती है जब हम वैश्विक दक्षिण की चुनौतियों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखेंगे। जिस तरह हमने नई दिल्ली शिखर सम्मेलन के दौरान अफ्रीकी संघ को जी-20 की स्थायी सदस्यता प्रदान करके वैश्विक दक्षिण की आवाज को बुलंद किया, उसी तरह हम वैश्विक शासन की संस्थाओं में सुधार करेंगे। मुझे विश्वास है कि अगले सत्र के दौरान इस विषय पर और भी अधिक विस्तृत, सकारात्मक बातचीत होगी।
इसके पहले नाइजीरिया की राजधानी में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने पिछले 10 वर्षों के दौरान अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा था कि भारत विकास, शांति, समृद्धि और लोकतंत्र का प्रतीक बनकर दुनिया के लिए एक नई उम्मीद के रूप में उभरा है। मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत ‘सन्नू, नाइजीरिया’ से की, जिसका मतलब ‘नमस्ते नाइजीरिया’ होता है।
उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी 16 नवंबर से तीन देशों की यात्रा पर थे। वह पहले (16-17 नवंबर) नाइजीरिया गए। फिर 18-19 नवंबर को ब्राजील और इसके बाद गुयाना की यात्रा पर रहे। विदेश मंत्रालय के अनुसार यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 17 वर्षों बाद नाइजीरिया की यात्रा थी जबकि 56 वर्षों बाद कैरेबियाई देश गुयाना जाने वाले वह पहले प्रधानमंत्री हैं। वर्ष 1968 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी वहां गई थीं।