ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सर्दियों में ठंडी हवाओं और कम तापमान की वजह से स्किन ड्राई होने लगती है। इससे स्किन से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं। ठंड में पैरों में इन्फेक्शन के मामले भी खूब देखे जाते हैं। एड़ियां फटने लगती हैं और तलवे में फंगस की वजह से खुजली, दर्द या सूजन की समस्या होने लगती है। इसके कारण कई बार चलने में भी परेशानी होती है। हालांकि अगर कुछ सावधानियां बरती जाएं तो इस समस्या से बचा जा सकता है।
सर्दियों में पैरों की विशेष देखभाल क्यों जरूरी है, यह बता रही हैं एक्सपर्ट डॉ. शीना कपूर, डर्मेटोलॉजिस्ट, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल, इंदौर।
सर्दियों में हवा में नमी यानी ह्यूमिडिटी कम हो जाती है। इससे हमारी स्किन का नेचुरल मॉइश्चर कम होने लगता है। हाथों-पैरों की स्किन में ड्राईनेस बढ़ जाती है। वहीं इस मौसम में पैरों में इन्फेक्शन का खतरा इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि लोग ठंड के दिनों में ज्यादातर समय मोजे पहने रहते हैं। गंदे मोजे भी पैरों में इन्फेक्शन कारण बनते हैं। ठंड में स्किन और नाखून ड्राई हो जाते हैं, जिससे वे कमजोर होने लगते हैं। इस कारण यह चोट और इन्फेक्शन के प्रति अधिक सेंसिटिव हो जाते हैं।
जूतों में नमी पैरों में इन्फेक्शन का कारण
इसके अलावा इस मौसम में पैरों में इन्फेक्शन का सबसे बड़ा कारण जूतों में नमी का होना है। लंबे समय तक खराब फिटिंग वाले या टाइट जूते पहनने से भी पैरों में फंगल इन्फेक्शन हो सकता है।
सर्दियों में पैरों में इन्फेक्शन का खतरा कुछ लोगों में अधिक होता है।
– बुजुर्गों में इन्फेक्शन का खतरा अधिक होता है क्योंकि उनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है।
– डायबिटीज और हार्ट डिजीज से पीड़ित लोगों को भी पैरों के इन्फेक्शन का खतरा अधिक होता है क्योंकि उनके पैरों में ब्लड फ्लो कम होता है।
– जिन लोगों के पैर में चोट या कोई घाव है, उन्हें भी ठंड के मौसम में पैरों में इन्फेकशन का खतरा अधिक रहता है। सर्दियों में लोग पैरों को ठंड से बचाने के लिए जूते-मोजे पहनते हैं। हालांकि लंबे समय तक पैरों को कवर करके रखना सही नहीं है। इससे भी इन्फेक्शन का खतरा रहता है। इसलिए जब कभी धूप निकले तो थोड़ी देर पैरों में धूप लगने दें। पैरों को इन्फेक्शन से बचाने के लिए बेसिक हाइजीन मेंटेन करना जरूरी है।
इसके लिए इन बातों का ध्यान रखें–
– कम-से-कम दिन में दो बार पैरों को अच्छी तरह धोएं।
– पैर धोने के बाद उन्हें अच्छे से सुखाना न भूलें। खासकर उंगलियों के बीच के हिस्से में नमी न रहने दें।
– हल्के और हवादार मोजे पहनें। नियमित रूप से अपने मोजे को बदलें। कभी भी गंदे मोजे न पहनें।
– किसी भी व्यक्ति के साथ अपने जूते या मोजे शेयर न करें। इससे भी इन्फेक्शन का खतरा बढ़ता है।
– ठंड में उन जगहों पर नंगे पैर जानें से बचें, जहां ज्यादा नमी रहती है।
– इसके अलावा कुछ अन्य चीजों का भी ख्याल रखना जरूरी है।
– कुछ महिलाएं अपने पैरों की उंगलियों में चांदी या अन्य धातु से बनी बिछिया पहनती हैं। इससे बिछिया वाली जगह पर नमी बनी रहती है। यह भी फंगल इन्फेक्शन का कारण बन सकता है। इसलिए महिलाओं को अपने पैरों की खास देखभाल करनी चाहिए।
नाखून काटते समय विशेष सावधानी बरतें
ठंड में हमारी स्किन की तरह नाखून भी कमजोर हो जाते हैं। इस मौसम में नाखूनों मे फंगल इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है। इसलिए पैरों के साथ-साथ नाखूनों का भी ख्याल रखना बेहद जरूरी है। ठंड में नाखून काटते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। जैसे कि-
– नाखूनों को बहुत ज्यादा बड़ा न होने दें। बड़े नाखूनों में गंदगी और नमी रह सकती है।
– नाखूनों को काटते समय सही कटर का इस्तेमाल करें, जिससे नाखूनों की सतह पर खरोंच न पड़े।
– नाखून काटते समय ध्यान रखें कि स्किन से एकदम चिपकाकर ना काटें। जरा सा कट का निशान इन्फेक्शन फैला सकता है।
– केमिकल्स वाले नेल पेंट लगाने से भी बचना चाहिए। कई बार केमिकल्स युक्त नेल पेंट इन्फेक्शन का कारण बन सकता है।
घरेलू उपचार करने से बचें
डॉ. शीना कपूर बताती हैं कि पैरों में इन्फेक्शन होने पर घरेलू उपचार करने से बचना चाहिए। इससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। अगर नाखून के आसपास खून आ रहा है, दर्द या सूजन है और इस कारण चलने में परेशानी हो रही है तो ऐसी स्थिति को नजरअंदाज न करें। तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें। खुद से किसी तरह का उपचार न करें।