ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। कुछ समय पहले तक जिस पड़ोसी देश श्रीलंका पर चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर भारत चिंतित था, उसी धरती पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहुंचे तो पलक-पांवड़े बिछाकर उनका स्वागत-सम्मान किया गया। श्रीलंका ने पीएम मोदी को वहां के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘मित्र विभूषण’ पदक से नवाजा। इसे मोदी ने भारत-श्रीलंका के बीच गहरी दोस्ती व ऐतिहासिक संबंधों के प्रतीक के साथ ही भारतवासियों का सम्मान बताया।
प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान मेजबान देश के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायक ने प्रदान किया। यह सम्मान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और दोनों देशों की साझा सांस्कृतिक व आध्यात्मिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए किए गए विशेष प्रयासों को देखते हुए दिया गया है। विश्व बंधुत्व की भावना के तहत मैत्री संबंधों को मजबूती दे रहे प्रधानमंत्री मोदी को किसी विदेशी राष्ट्र द्वारा प्रदान किया गया यह 22वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है। ‘मित्र विभूषण’ पदक दोनों राष्ट्रों के मजबूत सांस्कृतिक संबंधों का भी संदेश देता है। इस पदक पर अंकित धर्म चक्र साझा बौद्ध विरासत का प्रतिनिधित्व करता है। चावल के ढेर से सजे हुए एक बर्तन की आकृति के साथ कलश समृद्धि और नवीनीकरण का प्रतीक है। नवरत्न भारत और श्रीलंका के बीच स्थायी मित्रता का प्रतीक है, जिन्हें पवित्र कमल की पंखुड़ियों से घिरे ग्लोब में दर्शाया गया है। इसी तरह सूर्य और चंद्रमा को द्विपक्षीय संबंधों का प्राकृतिक संकेत बताया गया है।
सम्मान से अभिभूत पीएम
मोदी ने एक्स पर पोस्ट लिखकर अपनी भावनाएं भी व्यक्त कीं। उन्होंने लिखा-आज राष्ट्रपति दिसानायक द्वारा श्रीलंका ‘मित्र विभूषण’ से सम्मानित किया जाना मेरे लिए बहुत गर्व की बात है। यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं है। यह भारत के 140 करोड़ लोगों का सम्मान है। यह भारत और श्रीलंका के बीच गहरी दोस्ती और ऐतिहासिक संबंधों का प्रतीक है।
पीएम मोदी ने लगभग चार दशक पहले श्रीलंका में तैनात भारतीय शांति सेना (आइपीकेएफ) के बलिदानी योद्धाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। अपनी यात्रा के दूसरे दिन मोदी ने कोलंबो में आइपीकेएफ स्मारक का दौरा किया और पुष्पांजलि अर्पित की।