ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने सरकार की पीएम ई-ड्राइव पहल के तहत इलेक्टि्रक ट्रकों की खरीद पर ग्राहकों को 9.6 लाख रुपये तक का प्रोत्साहन देने की योजना का शुभारंभ किया। यह पहली बार है जब इलेक्टि्रक ट्रक की खरीद को बढ़ावा देने के लिए योजना लाई गई है। इसके तहत 10,900 करोड़ रुपये के बजट में से 500 करोड़ रुपये इलेक्टि्रक ट्रकों के लिए निर्धारित किए गए हैं।
बंदरगाह, लॉजिस्टिक, सीमेंट और इस्पात सहित अन्य उद्योग इस योजना के प्रमुख लाभार्थी होंगे। इसके तहत 5,600 इलेक्टि्रक ट्रकों को समर्थन देने की योजना है। कुमारस्वामी ने कहा, कुल वाहन संख्या में डीजल ट्रक की केवल तीन प्रतिशत हिस्सेदारी होने के बावजूद परिवहन-संबंधी ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में इसका योगदान 42 प्रतिशत है। ये वायु प्रदूषण को काफी बढा देते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व द्वारा निर्देशित यह, इलेक्टि्रक ट्रकों के लिए पहली योजना है।
उन्होंने कहा, यह हमारे देश को पर्यावरण अनुकूल तरीके से माल ढुलाई परिवहन, स्वच्छ भविष्य और 2047 तक विकसित भारत के निर्माण की दिशा में ले जाएगा। यह 2070 तक हमारे शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य के अनुरूप है। कुमारस्वामी ने बाद में सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि यह प्रयास ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देगा, स्थानीयकरण को प्रोत्साहित करेगा, लॉजिस्टिक लागत को कम करेगा और ईवी एवं बैटरी मूल्य श्रृंखलाओं में हरित रोजगार सृजित करेगा। मंत्री ने कहा, इलेक्टि्रक दोपहिया व तिपहिया वाहन में प्रगति और 10,900 ई-बसों (भारत की सबसे बड़ी) के लिए निविदा के साथ यह ‘विकसित भारत 2047’ की हमारी यात्रा में एक और बड़ी उपलब्धि है। मैं सभी पक्षों, ट्रांसपोर्टर, मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) और उद्योगों से आग्रह करता हूं कि वे पर्यावरण अनुकूल परिवहन की ओर इस परिवर्तनकारी बदलाव में हमारे साथ जुड़ें। अधिकारियों ने कहा कि इस योजना में दिल्ली में पंजीकृत करीब 1,100 ई-ट्रक के लिए प्रोत्साहन राशि आरक्षित है। इससे राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता संबंधी चिंताओं के समाधान में मदद मिलेगी। इसके लिए करीब 100 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
ई-ट्रकों के लिए प्रोत्साहन प्राप्त करने हेतु पुराने प्रदूषणकारी ट्रकों को हटाना अनिवार्य है। भारी उद्योग मंत्रालय ने कहा, किफायती रुख को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन इलेक्टि्रक ट्रक के सकल वाहन भार पर निर्भर करेगा और अधिकतम 9.6 लाख रुपये का प्रोत्साहन प्राप्त किया जा सकता है।
ये प्रोत्साहन खरीद मूल्य में एकमुश्त कटौती के रूप में प्रदान किए जाएंगे और मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) को पीएम ई-ड्राइव मंच के माध्यम से ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर दिए जाएंगे।’ इस योजना के तहत, केंद्रीय मोटर वाहन नियमों (सीएमवीआर) के तहत परिभाषित एन 2 और एन 3 श्रेणी (मध्यम एवं भारी माल ढुलाई के लिए) के इलेक्टि्रक ट्रकों पर भी मांग प्रोत्साहन लागू किया जाएगा। एन 2 श्रेणी में 3.5 टन से अधिक और 12 टन तक के सकल वाहन भार (जीवीडब्ल्यू) वाले ट्रक शामिल हैं जबकि एन3 श्रेणी में 12 टन से अधिक और 55 टन तक के जीवीडब्ल्यू वाले ट्रक शामिल हैं।































