ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। देश में नाममात्र के वोट पाने वाली पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों (आरयूपीपी) की आय में 2022-23 में 223% की वृद्धि हुई है। यह चौंकाने वाली जानकारी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की नई रिपोर्ट में सामने आई है।
रिपोर्ट के मुताबिक देश में ऐसी 2764 पार्टियां हैं, इनमें से 73% से अधिक (2025) ने तो अपना वित्तीय रिकॉर्ड सार्वजनिक ही नहीं किया है। वहीं, 739 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त पार्टियों का विश्लेषण किया गया है।
गुजरात में 5 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों ने बीते 5 सालों में 3 चुनावों में केवल 22,000 वोट हासिल किए हैं, फिर भी उनकी कुल आय ₹2,316 करोड़ रही है। इनमें से एक साल की आमदनी ₹1158 करोड़ रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इन दलों ने 2019-2024 के बीच दो लोकसभा और एक विधानसभा चुनाव में कुल 17 उम्मीदवार खड़े किए, लेकिन कोई जीत दर्ज नहीं की। इतना ही नहीं, इनमें से चार दल 2018 के बाद रजिस्टर्ड हुए हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स क्या है
यह एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) है, जो भारत में चुनावी और राजनीतिक सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। इसकी स्थापना वर्ष 1999 में भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद के कुछ प्रोफेसरों और पूर्व छात्रों द्वारा की गई थी। एडीआर का उद्देश्य भारतीय लोकतंत्र को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और जिम्मेदार बनाना है। राजनीतिक दलों और नेताओं की पृष्ठभूमि, आय-व्यय और आपराधिक रिकॉर्ड को सार्वजनिक करने का कार्य करता है।
कितनी पार्टियों ने जानकारी दी
कुल पार्टियां- 2764
जानकारी दी- 739 (26.74%)
जानकारी नहीं दी- 2025 (73.26%)
गुजरात की सर्वाधिक चंदा पाने वाली 5 पार्टियां
पार्टी नाम			कुल वोट	            कमाई (₹ करोड़ में)
भारतीय नेशनल जनता दल	11,496		 957
न्यू इंडिया यूनाइटेड पार्टी		9,029		608
सत्यवादी रक्षक पार्टी		1,042		416
जन मन पार्टी			480		134
सौराष्ट्र जनता पार्टी		140		200
राज्य 		कुल पार्टियां 	जानकारी
				नहीं दी
यूपी 		 744	71
नई दिल्ली	240	168
तमिलनाडु	230	180
महाराष्ट्र		216	161
बिहार 		184	117
आंध्र प्रदेश	129	 89
मध्य प्रदेश	107	65
हरियाणा		102	77
गुजरात		95	59
कर्नाटक		9	56
पंजाब में 73, उत्तराखंड में 40 और गोवा में 12 ऐसी पार्टियां हैं, लेकिन किसी ने जानकारी नहीं दी।













			

















