ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। प्रदेश की सड़कों की चौड़ाई को 3.5 मीटर से बढ़ाकर 5 मीटर किया जा रहा है। यह बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विगत दिवस मुख्यमंत्री आवास में अयोध्या एवं देवीपाटन मंडल के जनप्रतिनिधियों, लोक निर्माण विभाग, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में कही।
उन्होंने कहा कि सड़क अवसंरचना को सुदृढ़ करने की दिशा में सरकार ने यह ऐतिहासिक निर्णय लिया है। सीएम ने स्पष्ट कहा कि अधिकारी योजनाएं बनाने और उनकी समीक्षा में जनप्रतिनिधियों से भी मशविरा करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे न केवल यातायात अधिक सुरक्षित और सुगम होगा बल्कि आपातकालीन सेवाएं जैसे एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की पहुंच भी तेज हो सकेगी। उन्होंने कहा कि यह निर्णय शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। सीएम ने कहा कि यह संवाद और समीक्षा केवल एक बैठक नहीं बल्कि शासन की नई कार्य संस्कृति का संकेत है जहां योजनाएं सिर्फ फाइलों में नहीं, जनता के जीवन में बदलाव लाने वाली हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस संवाद मॉडल को पूरे प्रदेश में लागू किया जाए ताकि ‘सबका साथ, सबका विकास’ और ‘सबका विश्वास’ का मंत्र हर योजना, हर कार्य में परिलक्षित हो।
शासन-जनप्रतिनिधियों के बीच सशक्त संवाद जरूरी
उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्रदेश सरकार केवल योजनाएं बनाकर ही नहीं रुकती, बल्कि उन योजनाओं को धरातल पर उतारने और जनता तक लाभ पहुंचाने में भी विश्वास करती है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए शासन और जनप्रतिनिधियों के बीच सशक्त संवाद आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि जिला मुख्यालयों को फोर लेन और ब्लॉक मुख्यालयों को कम से कम दो लेन की सड़कों से जोड़ने का कार्य तेज़ी से किया जाए। सभी विभाग ब्लैक स्पॉट्स की पहचान कर उन्हें तत्काल ठीक कराने के लिए समन्वित प्रयास करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीडब्ल्यूडी सहित सभी विभाग अपनी कार्ययोजनाएं तैयार करते समय जनप्रतिनिधियों से संवाद स्थापित करें, इससे योजनाएं जमीन से जुड़ेंगी और वास्तविक समस्याओं का समाधान हो सकेगा।
मानसून बाद जनप्रतिनिधियों से कराएं भूमिपूजन
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों को प्राथमिकता के आधार पर योजनाओं में शामिल किया जाए। जो कार्य योजनाएं स्वीकृत हो चुकी हैं, उनकी टेंडर प्रक्रिया तत्काल पूर्ण की जाए और मानसून के बाद जनप्रतिनिधियों के कर कमलों से उनका भूमि पूजन कराया जाए। इससे न केवल विकास कार्यों को गति मिलेगी बल्कि जनसहभागिता और उत्तरदायित्व की भावना भी सशक्त होगी। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों को उनके क्षेत्रों की जनता से निरंतर संवाद बनाए रखने, योजनाओं की जानकारी देने और शासन तक जनता की समस्याएं पहुंचाने की जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शासन और जनता के बीच सेतु की भूमिका निभाते हुए जनप्रतिनिधि पारदर्शिता और जवाबदेही की मिसाल बनें।
शहरी क्षेत्र में शामिल गांवों में प्राथमिकता पर हो विकास
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से इस बात पर बल दिया कि जिन नगर निकाय क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल किया गया है, वहां पर विशेष ध्यान दिया जाए। इन नए शहरीकृत गांवों में पेयजल, जलनिकासी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं प्राथमिकता से पूरी कराई जाएं ताकि नगरीय सुविधा और ग्रामीण पहचान के बीच सामंजस्य बना रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नगर निकायों को अलग से वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराती है और सीएम ग्रिड योजना के माध्यम से नगरों के समग्र विकास को नई दिशा दी जा रही है। उन्होंने निर्देश दिए कि नगर निगम एवं नगर निकाय अपने-अपने क्षेत्र में संचालित विकास योजनाओं की समीक्षा करते समय स्थानीय जनप्रतिनिधियों को अवश्य शामिल करें। जनप्रतिनिधियों को योजनाओं की जानकारी देना, उनके सुझावों को शामिल करना और कार्यों में पारदर्शिता बनाए रखना प्रशासन की ज़िम्मेदारी है।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में पुनर्निर्माण को दें प्राथमिकता
सीएम ने पर्यटन एवं संस्कृति विभाग को निर्देशित किया कि प्रदेश की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक पर्यटन स्थल चिन्हित किया जाए और वहां पर सौंदर्यीकरण के साथ-साथ जनसुविधाओं का विकास किया जाए। इससे स्थानीय पर्यटन को बल मिलेगा और ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। निर्देश दिए कि सेतुओं के निर्माण को प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना से जोड़ा जाए। इसके अंतर्गत सेतु निर्माण कार्यों को तीव्रता से आगे बढ़ाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ या किसी अन्य आपदा से प्रभावित हुए क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर के पुनर्निर्माण को प्राथमिकता दी जाए और संबंधित योजनाओं को समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा किया जाए।
– अफसरों संग मीटिंग में योगी ने लिया फैसला
– यह निर्णय शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में लागू होगा































