ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारतीय सेना ने एक एआई आधारित ‘ऑटोमैटिक टारगेट क्लासिफाइंग सिस्टम’ का पेटेंट हासिल किया है। खास बात ये है कि इसकी टेक्नोलॉजी को कर्नल कुलदीप यादव द्वारा इन-हाउस विकसित किया गया है। यह सिस्टम पूरी तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित है, जो बिना मानवीय हस्तक्षेप के रडार पर आने वाले टारगेट्स की पहचान और वर्गीकरण कर सकता है।
यह तकनीक सेंसर और एडवांस्ड एल्गोरिदम की मदद से रियल-टाइम डेटा जैसे इमेज और राडार सिग्नल को स्कैन करती है। इसके बाद उन्हें डेटाबेस से तुलना करके तेजी से टारगेट्स को पहचान लेती है। इंसानों की तुलना में यह सिस्टम ज्यादा तेज और सटीक रिजल्ट देता है, इसलिए इसे मिसाइल गाइडेंस और अन्य रक्षा संबंधित प्रयोगों में बेहद उपयोगी माना जा रहा है।
आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम
भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक X पोस्ट में लिखा कि कर्नल यादव की यह इनोवेशन सेना की इनोवेशन क्षमता, तकनीकी आत्मनिर्भरता और ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
कर्नल यादव की दूसरी इनोवेशन भी खास
इससे पहले कर्नल यादव की एक और तकनीक को भी पेटेंट मिल चुका है। साल 2023 में उन्हें एआई-पावर्ड एक्सीडेंट प्रिवेंशन सिस्टम का पेटेंट मिला था।