ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म के मैसेंजर एप वाट्सएप को टक्कर देने के लिए जोहो ने एराटाई लॉन्च किया है। यह एप धीरे-धीरे अपनी जगह बना रहा है। कई जानी-मानी हस्तियां इस एप से जुड़ चुकी हैं। अब इसमें दिग्गज उद्योगपति आनंद महिंद्रा का नाम भी जुड़ चुका है। एराटाई ने खुद महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन के ऑनबोर्ड होने की पुष्टि की है। इस एप को सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी जोहो कॉरपोरेशन ने विकसित किया है। कंपनी के फाउंडर श्रीधर वेम्बू अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं।
एराटाई ने कहा, ‘मिस्टर महिंद्रा का एराटाई में स्वागत है। हम आपको अपने साथ पाकर सचमुच सम्मानित महसूस कर रहे हैं और आपके समर्थन के लिए आभारी हैं।’ महिंद्रा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘मैं आपकी महान सफलता की कामना करता हूं।’ विदेशी एप्स को लेकर सबसे बड़ी समस्या डेटा की रहती है। ये एप्स भारतीय ग्राहकों के डेटा विदेशों में स्थित सर्वर में सेव करते हैं। लेकिन एराटाई के साथ ऐसा नहीं है। जोहो का कहना है कि भारतीय ग्राहकों का डेटा भारत में ही होस्ट किया जाता है।
जोहो का बिजनेस
जोहो कॉर्प का बिजनेस तेजी से बढ़ रहा है। पिछले साल कंपनी का रेवेन्यू 1.4 अरब डॉलर पहुंच गया और इसके कस्टमर्स की संख्या 2.5 लाख हो गई। चेन्नई की इस कंपनी की वैल्यूएशन 1.04 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई है जो 2023 की तुलना में 58% अधिक है। इसके साथ ही कंपनी की लिस्टिंग की डिमांड भी उठ रही है लेकिन वेम्बू का कहना है कि फिलहाल इसकी कोई योजना नहीं है।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘जोहो के पब्लिक होने की बात चल रही है, यह हम समझते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि अगर जोहो एक सार्वजनिक कंपनी होती तो उसे हर तिमाही वित्तीय दबाव झेलना पड़ता। तब शायद एराटाई जैसा प्रोजेक्ट कभी नहीं बन पाता। यह एक पूरी तरह से मूर्खतापूर्ण प्रोजेक्ट था। यहां तक कि हमारे अपने कर्मचारियों को भी शक था कि एराटाई कभी सफल हो पाएगा या नहीं।’
आगे की योजना
वेम्बू ने कहा, ‘हमने एराटाई को इसलिए बनाया क्योंकि हमें लगा कि भारत को ऐसी इंजीनियरिंग क्षमता की जरूरत है। हमें भारत में ऐसी और भी बहुत सी क्षमताओं की जरूरत है और हम इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।
जोहो में कई बड़े और लंबे समय तक चलने वाले आरएंडडी प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इनमें कंपाइलर, डेटाबेस, ओएग, सुरक्षा, हार्डवेयर, चिप डिजाइन, रोबोटिक्स और एआई जैसे कई तकनीकी क्षेत्र शामिल हैं। इसके अलावा हमने कई आरएंडडी-केंद्रित कंपनियों में भी पैसा लगाया है, जो तुरंत मुनाफा नहीं कमाएंगी।