ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को नई रफ्तार देने वाला एक बड़ा समझौता हुआ है। इनोक्सजीएफएल ग्रुप की कंपनी इनोक्स सोलर ने चीन की प्रमुख सोलर एनर्जी कंपनी लॉन्गी ग्रीन एनर्जी टेक्नोलॉजी के साथ लगभग ₹7,000 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट किया है। इस करार के तहत अगले तीन वर्षों में इनोक्स सोलर, लॉन्गी को 5 गीगावाट सोलर मॉड्यूल की आपूर्ति करेगी। यह डील न केवल भारत की सोलर इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह संकेत भी देता है कि दुनिया भारत की बढ़ती विनिर्माण क्षमता पर भरोसा करने लगी है और इसमें चीन जैसे देश भी शामिल हैं।
सोलर मॉड्यूल के उत्पादन में
तेजी से बढ़ रहा भारत
मीडिया सूत्रों के मुताबिक, चीन की लॉन्गी ग्रीन एनर्जी भारतीय बाजार के लिए मॉड्यूल इनोक्स सोलर से खरीदेगी। इस डील के तहत लॉन्गी, इनोक्स को अपनी उन्नत तकनीकी विशेषज्ञता और वैश्विक गुणवत्ता मानकों के अनुभव से मदद करेगी। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि इनोक्स के उत्पाद अंतरराष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता पर खरे उतरें। यह डील ऐसे समय में हुई है जब भारत सोलर मॉड्यूल के घरेलू उत्पादन को तेजी से बढ़ा रहा है, ताकि आयात पर निर्भरता कम की जा सके।
इनोक्स सोलर का विस्तार
इनोक्स सोलर ने हाल ही में अहमदाबाद के पास बावला में अपना नया सोलर मॉड्यूल निर्माण संयंत्र शुरू किया है। पहले चरण में इसकी क्षमता 1.2 गीगावाट रखी गई है, जिसे अगले चरण में 3 गीगावाट तक बढ़ाया जाएगा। कंपनी यहीं नहीं रुक रही है, वह ओडिशा के ढेंकनाल में एक और बड़ा सोलर सेल और मॉड्यूल प्लांट बना रही है, जिसकी कुल क्षमता 4.8 गीगावाट होगी। इस सुविधा से भारत में सोलर निर्माण की दिशा में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
आईपीओ की तैयारी और भविष्य की योजना
इनोक्स सोलर की मूल कंपनी इनोक्स क्लीन एनर्जी भी अब पब्लिक इश्यू लाने की तैयारी में है। कंपनी का आईपीओ इस वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में आने की संभावना है।
इसका उद्देश्य भारत के तेजी से बढ़ते क्लीन एनर्जी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अपनी मौजूदगी को और मजबूत बनाना है। भारत में वर्तमान में सोलर मॉड्यूल उत्पादन क्षमता 100 गीगावाट से अधिक है, जबकि सोलर सेल निर्माण क्षमता 27 गीगावाट है, जो इस साल के अंत तक बढ़कर 40 गीगावाट होने की उम्मीद है।
सरकारी नीतियों से बढ़ा स्थानीय उत्पादन
भारत सरकार द्वारा मॉड्यूल और सेल पर आयात शुल्क, और घरेलू सामग्री अनिवार्यता जैसी नीतियों ने स्थानीय विनिर्माण को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है। इन नियमों ने कंपनियों को भारत में ही उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है। इनोक्स और लॉन्गी के बीच हुआ यह समझौता उसी दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे भारत सौर ऊर्जा निर्माण में वैश्विक सप्लाई चेन का मजबूत केंद्र बन सकेगा।































