ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। जनता से जुड़ाव का संदेश देने के लिए सदैव प्रयत्नशील रहने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के माध्यम से भी खासतौर पर चुनावी राज्य बिहार से दिल जोड़ते दिखाई दिए। पूरे देश में त्योहारों के उल्लास का उल्लेख करते हुए उन्होंने दीपावली के साथ ही छठ पूजा की चर्चा की। विदित रहे कि रविवार को खरना का अवसर था और इस शाम से छठ व्रती पूजा समाप्त होने तक जल भी ग्रहण नहीं करते। मोदी ने कहा, ‘छठ का महापर्व संस्कृति, प्रकृति और समाज के बीच गहरी एकता का प्रतिबिंब है। छठ के घाटों पर समाज का हर वर्ग एक साथ खड़ा होता है। ये दृश्य भारत की सामाजिक एकता का सबसे सुंदर उदाहरण है।’ पीएम ने राष्ट्रगीत वंदे मातरम ्के 150वें वर्ष का उल्लेख करते हुए इसके माध्यम से भी समाज व राष्ट्र की एकता का संदेश दिया।
‘मन की बात’ के 127वें एपिसोड में प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे देश में इस समय त्योहारों का माहौल है। हम सबने कुछ दिन पहले दीपावली मनाई है और अभी बड़ी संख्या में लोग छठ पूजा में व्यस्त हैं। घरों में ठेकुआ बनाया जा रहा है। जगह-जगह घाट सज रहे हैं। बाजारों में रौनक है। हर तरफ श्रद्धा, अपनापन और परंपरा का संगम दिख रहा है। छठ का व्रत रखने वाली महिलाएं जिस समर्पण और निष्ठा से इस पर्व की तैयारी करती हैं, वो अपने आप में बहुत प्रेरणादायक है। छठ की महत्ता के बखान के साथ उन्होंने देशवासियों से अपील करते हुए कहा- ‘आप देश और दुनिया के किसी भी कोने में हों, यदि मौका मिले तो छठ उत्सव में जरूर हिस्सा लें। मैं छठ मैया को नमन करता हूं। सभी देशवासियों को विशेषकर बिहार, झारखंड व पूर्वांचल के लोगों को छठ महापर्व की शुभकामनाएं देता हूं।’
संस्कृति, इंटरनेट मीडिया की दुनिया
ने संस्कृत को दी नई प्राणवायु
प्रधानमंत्री मोदी ने भाषाओं को सभ्यता के मूल्यों और परंपराओं का वाहक बताते हुए संस्कृत के लिए युवाओं द्वारा किए जा रहे विशेष प्रयासों की सराहना की। कुछ विशिष्ट उदाहरणों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि अब समय बदल रहा है तो संस्कृत का भी समय बदल रहा है। संस्कृति और इंटरनेट मीडिया की दुनिया ने संस्कृत को नई प्राणवायु दे दी है।
राष्ट्रगीत के 150वें वर्ष की भी की चर्चा, कहा-140 करोड़ भारतीयों को एकता की ऊर्जा से भर देता है ‘वंदे मातरम ्’।































