ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत के उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने बेहद खूबसूरत समुद्री देश सेशेल्स का दौरा करके वहां नवनिर्वाचित राष्ट्रपति पैट्रिक हर्मिनी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि समारोह के बीच उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने सेशेल्स के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति पैट्रिक हर्मिनी को भारत की ओर से बधाई देते हुए दोनों देशों के बीच घनिष्ठ, दीर्घकालिक संबंधों पर चर्चा की।
सदियों पुराना नाता
आपको बताते चलें कि भारत और सेशेल्स का सदियों पुराना नाता है। वहां के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने से पहले राधाकृष्णन ने सेशेल्स में प्रवासी भारतीय समुदाय को संबोधित किया। उन्होंने भारत और सेशेल्स के रिश्तों को और मजबूत बनाने में प्रवासी भारतीयों की भूमिका की सराहना की। सीपी राधाकृष्णन ने पीएम नरेंद्र मोदी के ‘महासागर’ (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक एवं समग्र उन्नति) दृष्टिकोण का भी जिक्र किया।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सेशेल्स भारत के महासागर वाले विजन को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भागीदार बना हुआ है। भारत-सेशेल्स के बीच का संबंध गहरी मित्रता, समझ और सहयोग का प्रतीक है। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘1770 में पांच भारतीयों का एक समूह सात अफ्रीकी दासों और 15 फ्रांसीसी उपनिवेशवादियों के साथ बागान श्रमिकों के रूप में सेशेल्स पहुंचा था और उन्हें द्वीप समूह का पहला निवासी माना गया था।’ सफेद रेत के समुद्र तटों, नीले पानी और हरे-भरे जंगलों के लिए यह देश जाना जाता है। ये कहानी कम लोगों को ही मालूम होगी कि मॉरीशस की तरह सेशेल्स से भी भारत का अटूट संबंध और पुराना नाता है।
29 जून, 1976 यानी सेशेल्स के स्वतंत्रता दिवस पर भारत-सेशेल्स के राजनयिक संबंध स्थापित हुए। आईएनएस नीलगिरि की टुकड़ी वहां स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल हुई। पीएम मोदी 2015 में इस खूबसूरत समुद्री देश के दौरे पर गए थे। भारत सरकार ने तब सेशेल्स में तटीय निगरानी रडार प्रणाली मजबूत कराने के साथ ही एक और डोर्नियर प्लेन गिफ्ट देने और सेशेल्स निवासियों को भारत यात्रा के लिए 3 महीने फ्री वीजा देने का एलान किया था।































