दीपक द्विवेदी
राजग की तीसरी सरकार के पहले 100 दिन में गरीबों, किसानों, युवाओं के विकास के लिए तथा महिला सशक्तीकरण के लिए बड़े कदम उठाए गए हैं।
नरेंद्र मोदी सरकार ने लगातार अपने तीसरे कार्यकाल के शुरुआती 100 दिन 17 सितंबर को पूरे कर लिए। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर किसानों, युवाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य तक में बड़े प्रयास किए हैं। इसके अलावा विदेश नीति को भी संतुलित बनाने की कोशिश की है। इस फ्रंट पर खासतौर से यूक्रेन की मोदी की यात्रा बड़ी सफलता है। संयोगवश 17 सितंबर को ही पीएम मोदी का 74वां जन्मदिन भी था जिसके बारे में सरकार की ओर से कहा गया है कि उसे कई विभागों द्वारा ‘सेवा पखवाड़ा’ के आरंभ के रूप मे मनाया जा रहा है। यह पखवाड़ा 2 अक्टूबर को समाप्त होगा।
पीएम मोदी लगातार तीसरी बार देश का नेतृत्व कर रहे हैं। दो कार्यकालों में पूर्ण बहुमत के साथ काम करने वाले मोदी इस बार गठबंधन सरकार चला रहे हैं लेकिन उन्होंने एजेंडे में कोई खास बदलाव नहीं किया है। समान नागरिक संहिता, वक्फ बोर्ड विधेयक की चर्चा और एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर वह बेखटके आगे बढ़ रहे हैं। यही नहीं, वक्फ बोर्ड को लेकर तो समाज में तीखी बहस चल रही है लेकिन इसके बाद भी मुस्लिम वोट बैंक को लेकर संवेदनशील दिखने वाली नीतीश कुमार की जेडीयू इस पर साथ है। इसके अलावा विकास के भी कई पैरामीटर्स पर मोदी सरकार आगे बढ़ी है। मुख्य तौर पर 100 दिनों में 11 मोर्चों पर मोदी सरकार ने बेहतरीन काम किया है। इनमें इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 3 लाख करोड़ की मंजूरी, किसानों के लिए बड़े एलान, मिडिल क्लास को टैक्स से आवास तक राहत, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, स्किल डेवलपमेंट के लिए 2 लाख करोड़ का प्रावधान, महिलाओं को लखपति दीदी बनाने पर फोकस किया गया है। इसके अलावा, वक्फ बोर्ड, एकलव्य मॉडल जैसे प्रयास, आयुष्मान भारत स्कीम से हेल्थ इन्फ्रा को बढ़ावा, साइंस और अंतरिक्ष विज्ञान पर फोकस, भारतीय न्याय संहिता को मंजूरी एवं विदेश नीति में संतुलन के प्रयास शामिल हैं जिसके तहत पीएम नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन का दौरा किया है। यह दशकों बाद किसी भारतीय पीएम की यात्रा थी। इसके बाद सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल रूस पहुंचे हैं। यही नहीं पीएम मोदी रूस भी जाने वाले हैं। माना जा रहा है कि उनकी अहम भूमिका युद्ध को रुकवाने में हो सकती है। इस तरह भारत ने मौजूदा विदेश नीति को संतुलन प्रदान करने का प्रयास किया है।
स्वयं अपने 74वें जन्मदिन एवं सरकार के 100 दिन पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा कि केंद्र में राजग की तीसरी सरकार के पहले 100 दिन में गरीबों, किसानों, युवाओं के विकास के लिए तथा महिला सशक्तिकरण के लिए बड़े कदम उठाए गए हैं। इसी क्रम में उन्होंने विकास के लिए महिला सशक्तीकरण को महत्वपूर्ण बताते हुए 17 सितंबर को किसानों, महिलाओं, युवाओं और गरीबों के कल्याण से संबंधित कई योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। पीएम ने ओडिशा की प्रदेश सरकार की महिला केंद्रित योजना ‘सुभद्रा’ की शुरुआत की और राज्य में 3,800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली रेलवे और राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का अनावरण किया। मोदी ने इस मौके पर 14 राज्यों में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत करीब 10 लाख लाभार्थियों को सहायता की पहली किस्त भी जारी की। इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार ने पहले 100 दिन में कई अन्य निर्णय लिए हैं जिनमें कई अधोसंरचना परियोजनाओं को मंजूरी देना भी शामिल है। बड़े निर्णयों की बात करें तो केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना को 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी बुजुर्गों के लिए मंजूर कर दिया है। देश की विनिर्माण क्षमता बढ़ाने के संदर्भ में, जो कि रोजगार तैयार करने के लिए आवश्यक है, सरकार ने 12 औद्योगिक क्षेत्रों में औद्योगिक कॉरिडोर कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है। रोजगार का मसला हल करने के लिए नई सरकार के पहले पूर्ण बजट में कंपनियों के लिए प्रोत्साहन की घोषणा की गई ताकि वे लोगों को काम पर रखें। इसके अलावा देश की शीर्ष 500 कंपनियों में इंटर्नशिप की घोषणा भी की गई।
वैसे इस सरकार का ढांचा पिछली दो सरकारों से बहुत अलग है। 2014 के बाद से पहली बार भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के अपने साझेदारों पर निर्भर है। अगर पहले 100 दिन को संकेत माना जाए तो उसे आगे चलकर साझेदारों के साथ और अधिक मशविरे और तालमेल के साथ काम करना होगा। यह लैटरल भर्ती के निर्णय को वापस लेने में भी नजर आया। गठबंधन के कई अहम साझेदारों ने इसमें आरक्षण के मुद्दे पर सवाल उठाए। इसके अलावा अब सरकार को अधिक मुखर और उत्साहित विपक्ष का सामना करना पड़ रहा है जो 2014 के बाद अपनी सबसे मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है। सरकारें और राजनीतिक प्रतिष्ठान अक्सर घटनाओं से प्रभावित होते हैं और कई कारक बाहरी चुनौतियां भी सामने रखते हैं लेकिन पहले 100 दिन के प्रदर्शन को देखते हुए इस बात पर बहस हो सकती है कि राजग सरकर निर्णय प्रक्रिया किस प्रकार आगे बढ़ेगी पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी कहा है कि सरकार ‘एक देश, एक चुनाव’ को इसी कार्यकाल में लागू करेगी। यह भी संकेत हैं कि वक्फ बोर्ड तथा समान नागरिक संहिता जैसे संवेदनशील मुद्दों व राजनीतिक विचारों को लागू करने में आने वाली दिक्क तों पर सरकार संभल कर आगे बढ़ती रहेगी। सरकार ने पहले 100 दिन में जो निर्णय लिए हैं उनका व्यापक संदेश यही है कि चरणबद्ध तरीके से सुधारों की प्रक्रिया जारी रहेगी।