ब्लिट्ज ब्यूरो
अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश और मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात गगनचुंबी इमारतों के निर्माण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। गुजरात ने अपनी विशेष पॉलिसी की बदौलत पिछले कुछ सालों में स्कायस्क्रैपर प्रोजेक्ट्स से 1000 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल करने में भी सफलता पाई है।
साल 2017 तक गुजरात में इमारतों के लिए अधिकतम 70 मीटर की ऊंचाई निर्धारित थी। शहरी विस्तार की जरूरत और वर्टिकल ग्रोथ की क्षमता को देखते हुए, राज्य सरकार ने नियमों को संशोधित किया, विकासशील कदम उठाए। स्कायस्क्रैपर पॉलिसी के लागू होने के बाद राज्य में 100 मीटर से अधिक ऊंची इमारतों के निर्माण को प्रोत्साहन मिला है।
क्या है स्कायस्क्रैपर पॉलिसी?
यह नीति 27 मई 2021 को लागू हुई थी। इसके बाद अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, वडोदरा और गांधीनगर में गगनचुंबी इमारतों का मार्ग प्रशस्त हुआ। यह नीति 5.4 के अधिकतम फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) के साथ ऊंची इमारतों के निर्माण की मंजूरी देती है। बेस एफएसआई के अलावा प्रीमियम एफएसआई रेडी रेकनर दर के 50 प्रतिशत पर उपलब्ध है, जो डेवलपर्स को वर्टिकल ग्रोथ में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इन नियमों के लागू होने के बाद से अहमदाबाद, सूरत, गांधीनगर और वडोदरा में 30 गगनचुंबी इमारतों को मंजूरी दी गई है।
इनमें से 20 आवासीय, 7 कॉमर्शियल, 2 मिक्स-यूज़्ड और 1 सार्वजनिक भवन का निर्माण होगा।
गुजरात की फाइनेंशियल टेक सिटी यानी गिफ्ट सिटी ने पहले ही दो गगनचुंबी इमारतों का निर्माण पूरा कर लिया है, और अन्य 10 निर्माणाधीन हैं।
सरकार को मिला रिकॉर्ड राजस्व
इन प्रोजेक्ट्स से गुजरात ने वर्टिकल डेवलपमेंट में महत्वपूर्ण राजस्व सृजन में सफलता हासिल की है। गुजरात ने स्थानीय निकायों के प्रीमियम एफएसआई के माध्यम से करीब 1000 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है। राज्य के शहरी परिदृश्य को सुंदर बनाने वाली ऐसी कई परियोजनाएं इस वर्ष दिवाली से पहले पूरी होने की उम्मीद है।
ये इमारतें न केवल ऊंचाई में नए रिकॉर्ड बना रही हैं, बल्कि इनमें मिवन फॉर्मवर्क, शियर वॉल और छत के स्तर पर स्काईवॉक जैसी उन्नत निर्माण तकनीकें भी शामिल हैं। इसके अलावा इलेक्टि्रक वाहन (ईवी) चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि ये विकास भविष्य के लिए तैयार हैं।
स्पेशल टेक्निकल कमेटी की स्थापना
शहरी विकास और शहरी आवास विभाग के प्रधान सचिव अश्विनी कुमार की अध्यक्षता में राज्य स्तर पर एक स्पेशल टेक्निकल कमेटी ( एसटीसी) की स्थापना की गई है, जो ऊंची इमारत परियोजनाओं की जरूरतों का आकलन करेगी। इस समिति में सॉयल मैकेनिकल, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, और फायर सर्विस के विशेषज्ञ शामिल हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि इन गगनचुंबी इमारतों में सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बने।