ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। वृंदावन में एक मुस्लिम परिवार के आठ सदस्यों ने हिंदू धर्म अपना लिया है। यह धर्म परिवर्तन वैदिक रीति-रिवाजों के साथ एक आश्रम में हुआ।
मथुरा के जमुनापार इलाके के इस परिवार ने अपने नाम भी बदल लिए हैं। परिवार का कहना है कि उन्होंने यह फैसला अपनी मर्जी से लिया है और यह उनके पूर्वजों के धर्म पर आधारित है। परिवार के मुखिया 50 वर्षीय जाकिर अब जगदीश के नाम से जाने जाएंगे। उनका कहना है कि मुगल काल तक उनके पूर्वज हिंदू थे।
जगदीश ने बताया कि मुगल काल में उनके पूर्वजों ने दबाव में आकर इस्लाम धर्म अपना लिया था लेकिन वह हमेशा से देवी काली की पूजा करते रहे हैं। गांव के लोग उन्हें आज भी ‘भगत जी’ कहते हैं। उनका परिवार, जो मूल रूप से गुर्जर समुदाय से है पिछले तीन सालों से अपनी जड़ों की ओर लौटने के बारे में सोच रहा था। उन्होंने हिंदू धर्म में पूरी आस्था रखते हुए, बिना किसी दबाव या लालच के यह कदम उठाया है।
एक घंटे तक चले हवन में बैठा रहा परिवार
वृंदावन के श्री जी वाटिका कॉलोनी स्थित भागवत धाम आश्रम में हिंदू युवा वाहिनी ने पूरे परिवार का धर्म परिवर्तन कराया। जगदीश की पत्नी, बेटों, बहुओं और पोते-पोतियों सहित परिवार ने एक घंटे तक चले हवन-यज्ञ में भाग लिया। धर्म परिवर्तन के बाद उनके नाम बदल दिए गए। जाकिर अब जगदीश और उनकी पत्नी गुड्डी गुड़िया के नाम से जाने जाएंगे। बड़े बेटे अनवर का नाम सुमित, छोटे बेटे रनवर को रामेश्वर, बहू सबीरा को सावित्री और पोते-पोतियों साबिर, जोया और नेहा को क्रमश: शत्रुघ्न, सरस्वती और स्नेहा नाम दिया गया है। हवन-यज्ञ के बाद परिवार के सदस्यों ने नए नाम धारण किए।
किसी तरह की पुलिस कार्रवाई की जरूरत नहीं पड़ी: थाना प्रभारी
हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता शरद सैनी ने बताया कि परिवार ने गंगा जल से शुद्धिकरण किया और समारोह से पहले भगवा दुपट्टा पहना। परिवार ने यह कदम पूरी तरह से अपनी मर्जी से उठाया है। बच्चे भी अपने पैतृक धर्म में वापस लौटने को लेकर खुश हैं। दूसरी ओर, वृंदावन कोतवाली के प्रभारी प्रशांत कपिल के मुताबिक पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण रही और इसमें किसी तरह का दबाव नहीं था। इसलिए पुलिस कार्रवाई की कोई जरूरत नहीं पड़ी।
जगदीश ने बताया कि वह मूल रूप से शेरगढ़ क्षेत्र के रहने वाले हैं लेकिन वह सालों से अपनी ससुराल के गांव में रहकर दुकान चला रहे हैं।