ब्लिट्ज ब्यूरो
पिथौरागढ़। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में आदि कैलाश यात्रा 2 मई से शुरू होगी। यह यात्रा एक धार्मिक समारोह के साथ शुरू होगी। अधिकारियों का कहना है कि इस बार पिछले साल से भी ज्यादा श्रद्धालु आ सकते हैं। यात्रा दो चरणों में होगी। इसके लिए ‘इनर लाइन परमिट’ 30 अप्रैल से धारचूला में मिलने लगा।
धारचूला के उपजिलाधिकारी मंजीत सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यात्रा दो चरणों में होगी। पहला चरण 30 अप्रैल से 30 जून तक और फिर मानसून के बाद 15 सितंबर से 15 नवंबर तक चलेगा।
उपजिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक श्रद्धालु को ‘इनर लाइन परमिट’ जारी करने के लिए केवल चार दिन का समय ही दिया गया है, ताकि मौके पर भीड़भाड़ न हो। तीर्थयात्री चोटी की झलक देखेंगे और आधार शिविर पर लौट आएंगे, ताकि दूसरे श्रद्धालुओं को भी मौका मिल सके। ज़्यादातर श्रद्धालु गुंजी, नपालचू और कुटी गांवों में ‘होम स्टे’ में रुकेंगे। अधिकारी ने बताया कि पांगला, कुटी और आदि कैलाश में मेडिकल इमरजेंसी के लिए तीन एंबुलेंस तैयार रहेंगी।
मंजीत सिंह ने बताया कि पिछले साल आदि कैलाश यात्रा में 32000 से ज़्यादा श्रद्धालु आए थे। इस बार प्रशासन को और ज़्यादा लोगों के आने की उम्मीद है। इसलिए इस बार प्रशासन ज़्यादा तैयारी कर रहा है। ‘इनर लाइन परमिट’ एक तरह का परमिशन लैटर है। यह उन लोगों को चाहिए होता है जो कुछ खास इलाकों में घूमने जाते हैं। यह परमिट सरकार जारी करती है। इससे सरकार को पता रहता है कि कौन कहां जा रहा है। इससे सुरक्षा बनाए रखने में मदद मिलती है। यह यात्रा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में हो रही है। यह जगह बहुत खूबसूरत है और पहाड़ों से घिरी हुई है।