ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि वह केंद्र की ओर से कानून के विपरीत कानूनी दलीलें बर्दाश्त नहीं करेगा। कोर्ट ने ईडी की यह दलील खारिज करते हुए टिप्पणी की कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 45 के प्रावधान किसी महिला पर लागू नहीं होंगे।
जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा, हम केंद्र की ओर से कानून के विपरीत दलीलें देने के आचरण को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की मंशा यह प्रतीत होती है कि किसी भी तरह से जमानत से इनकार किया जाए, जिसके कारण इस तरह की दलीलें दी जा रही हैं। इससे पहले, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) सत्यदर्शी संजय ने मामले में दलील दी थी, जबकि अब एसजी तुषार मेहता ने इस मामले में पेश होकर कहा कि यह धारा महिलाओं पर लागू होती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, अगर केंद्र का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील कानून के बुनियादी प्रावधानों को नहीं जानते हैं, तो उन्हें क्यों पेश होना चाहिए?