ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली।जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और कनाडा के पीएम मार्क कार्नी की द्विपक्षीय बैठक हुई। कार्नी के पद संभालने के बाद यह दोनों नेताओं की पहली आमने-सामने की मुलाकात थी। दोनों देशों ने अपने-अपने उच्चायुक्तों को जल्द एक-दूसरे की राजधानी में वापस भेजने पर सहमति जताई।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस बैठक में भारत-कनाडा संबंधों और भविष्य की दिशा पर खुलकर और सकारात्मक बातचीत हुई। दोनों नेताओं ने भारत और कनाडा के बीच संबंधों की अहमियत को दोहराया, जो लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के सम्मान और संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों पर आधारित हैं।
विदेश मंत्रालय ने बताया क्या हुई बात
विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों नेताओं ने आपसी सम्मान और संवेदनाओं को समझते हुए संतुलित और रचनात्मक साझेदारी को आगे बढ़ाने की जरूरत बताई। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के स्तर पर बातचीत फिर से शुरू करने पर जोर दिया ताकि आपसी विश्वास बहाल हो और संबंधों में गति आए।
आपसी विश्वास बहाली पर भी जोर
दोनों नेताओं ने भविष्य में साफ ऊर्जा, डिजिटल परिवर्तन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एलएनजी, खाद्य सुरक्षा, महत्वपूर्ण खनिज, उच्च शिक्षा, लोगों की आवाजाही और सप्लाई चेन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा की। उन्होंने फ्री और ओपन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को बढ़ावा देने की अपनी साझा सोच को भी दोहराया।
ईपीटीए पर अटकी बातचीत फिर से
शुरू करने पर सहमति
इसके साथ ही शुरुआती व्यापार समझौते (ईपीटीए) पर अटकी बातचीत फिर से शुरू करने और व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) की दिशा में आगे बढ़ने पर भी सहमति बनी। इसके लिए दोनों नेताओं ने अपने-अपने अधिकारियों को आगे की बातचीत करने को कहा। दोनों नेताओं ने जी7 शिखर सम्मेलन में हुई महत्वपूर्ण प्रगति और जलवायु परिवर्तन, समावेशी विकास और सतत विकास जैसे वैश्विक मुद्दों पर मिलकर काम करने की इच्छा जताई। दोनों नेताओं ने भारत और कनाडा के बीच गहरे जनसंपर्कों को रेखांकित किया और इन्हें दोनों देशों के हित में और मजबूत करने पर सहमति जताई।