ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। कैल्शियम हमारे शरीर के लिए एक जरूरी मिनरल है। यह हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने के साथ-साथ मांसपेशियों के काम, नर्व कम्यूनिकेशन और दिल के स्वास्थ्य को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। महिलाओं में, खासकर रिप्रोडक्टिव ईयर्स के दौरान और मेनोपॉज के बाद, कैल्शियम की कमी एक आम समस्या है। इस आर्टिकल में, हम महिलाओं में कैल्शियम की कमी के कारणों, लक्षणों और इससे कैसे बचाव कर सकते हैं, इस बारे में बात करेंगे।
कैल्शियम की कमी के कारण
इनकम्प्लीट डाइट : कैल्शियम से भरपूर फूड आइटम्स, जैसे- दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां और सोया प्रोडक्ट्स को भरपूर मात्रा में न खाना।
पाचन संबंधी समस्याएं : कुछ डाइजेस्टिव डिसऑर्डर कैल्शियम के अब्जॉर्प्शन में बाधा डाल सकते हैं।
दवाओं के कारण- कुछ दवाएं, जैसे कि स्टेरॉयड व एंटासिड, कैल्शियम के अब्जॉर्प्शन को कम कर सकती हैं।
मेनोपॉज – मेनोपॉज के दौरान, एस्ट्रोजन स्तर में कमी के कारण हड्डियों में कैल्शियम कम होने लगता है।
फिजिकल एक्टिविटी की कमी- नियमित
एक्सरसाइज हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करती है। फिजिकल एक्टिविटी की कमी से हड्डियों में कैल्शियम का नुकसान बढ़ सकता है।
लक्षण : कैल्शियम की कमी के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और शुरुआत में नजर नहीं आ सकते हैं। इसके कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं-
हड्डियों का कमजोर होना- ऑस्टियोपोरोसिस, एक बीमारी जिसमें हड्डियां कमजोर और ब्रिटल हो जाती हैं, कैल्शियम की कमी का एक गंभीर परिणाम है।
मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन – कैल्शियम की कमी मांसपेशियों के कॉन्ट्रेक्शन को प्रभावित कर सकती है, जिससे दर्द और ऐंठन हो सकती है।
दांतों की समस्याएं – कैल्शियम दांतों के इनेमल को मजबूत बनाने में मदद करता है। कैल्शियम की कमी से दांतों का इरोजन और सेंसिटिविटी बढ़ सकती है।
थकान: कैल्शियम मांसपेशियों के फंक्शन के लिए जरूरी है। कैल्शियम की कमी से थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।
नर्वस सिस्टम से संबंधित समस्याएं
कैल्शियम नर्व कम्यूनिकेशन में अहम भूमिका निभाता है। कैल्शियम की कमी से सुन्नता, झुनझुनी और मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है।
महिलाओं पर कैल्शियम की कमी के प्रभाव
ऑस्टियोपोरोसिस: महिलाओं में कैल्शियम की कमी की वजह से ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम बढ़ जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस से हड्डियों का कमजोर होना और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।
रिप्रोडक्टिव हेल्थ : कैल्शियम की कमी प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के लक्षणों को बढ़ा सकती है और प्रेग्नेंसी के दौरान काम्िप्लकेशन्स का खतरा बढ़ा सकती है।
दिल का स्वास्थ्य: कैल्शियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने और दिल की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। कैल्शियम की कमी से हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों के खतरे को बढ़ सकता है।
ऐसे बचें कमी से
हेल्दी डाइट: कैल्शियम से भरपूर फूड आइटम्स को अपनी डाइट में शामिल करें।
दूध और मिल्क प्रोडक्ट्स: दूध, दही, पनीर और अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स कैल्शियम के अच्छे सोर्स हैं।
हरी पत्तेदार सब्जियां : पालक, ब्रोकली और केला कैल्शियम से भरपूर होता है।
सूरज की रोशनी: सूरज की रोशनी विटामिन-डी के प्रोडक्शन में मदद करती है, जो कैल्शियम के अब्जॉर्प्शन के लिए जरूरी है।
नियमित एक्सरसाइज: भार उठाने वाली एक्सरसाइज हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
डॉक्टर से सलाह: अगर कैल्शियम की कमी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें।