ब्लिट्ज ब्यूरो
देहरादून। भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले में खराब मौसम के कारण आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। वे चीन सीमा के पास एक सुदूर गांव रालम में फंस गए थे। लगभग 16 घंटे बाद उन्हें हेलीकॉप्टर से सुरक्षित मुनस्यारी पहुंचाया गया।
राजीव कुमार मिलम जा रहे थे, तभी खराब मौसम के कारण उनके हेलीकॉप्टर को रालम गांव में उतरना पड़ा। उनके साथ उत्तराखंड के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे और सीईसी के पीएसओ नवीन कुमार भी थे। रात बिताने के लिए उन्हें स्थानीय ग्रामीणों की मदद से एक घर मिला।
बुनियादी सुविधाएं नहीं
रालम गांव में बिजली और फ़ोन जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के कारण तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। सीईसी और उनकी टीम को इस ठंड और असुविधा का सामना करना पड़ा। अंधेरे में आग तापते रात बितानी पड़ी।
हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग करानी पड़ी
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के पांच दिवसीय दौरे में उच्च हिमालयी क्षेत्र के करीब पहुंचने से शुरू हुए मौसम का खलल रात होने तक जारी रहा। पहले मौसम खराब होने से रालम गांव में हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग करानी पड़ी। बाद में शाम को एकाएक बारिश शुरू हो गई। इससे मौसम ठंडा हो गया। रालम में मुख्य चुनाव आयुक्त के फंसे होने की सूचना के बाद प्रशासन में खलबली मची हुई थी।
चीन से सटे गांव में नहीं है बिजली
चीन के कब्जे वाले तिब्बत की सीमा से लगे पिथौरागढ़ जिले के इस सुदूर इलाके में देश के आजाद होने के बाद भी माइग्रेशन होता है। रालम में रहने वाले लोगों को बिजली संकट से जूझना पड़ता है।
शासन-प्रशासन रालम गांव को आज भी बिजली सेवा से नहीं जोड़ सके हैं। चीन सीमा के नजदीक बसे इस गांव में प्रतिवर्ष अप्रैल से अक्तूबर प्रथम सप्ताह तक तीन हजार से अधिक लोग माइग्रेट होकर पहुंचते हैं। करीब साढ़े चार माह तक ग्रामीण रालम में ही रहते हैं।