ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। अमेरिका में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों के लिए अच्छी खबर है। अमेरिका की नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने अपने नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। ये बदलाव खासकर उन छात्रों के लिए हैं जो साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स यानी स्टेम विषयों में से किसी की पढ़ाई कर रहे हैं।
पहले यूएस में विदेशी छात्रों को पढ़ाई खत्म होने के बाद सिर्फ एक साल तक काम करने का मौका मिलता था। लेकिन स्टेम सब्जेक्ट्स वाले छात्रों को अब दो साल का एक्स्ट्रा टाइम मिलेगा। यानी अब उन्हें कुल तीन साल तक अमेरिका में काम करने का मौका मिलेगा। ये ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग यानी ओपीटी के तहत मिलेगा। नए नियमों में 6 और महत्वपूर्ण बातें भी बताई गई हैं।
ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग वालों के लिए क्या नियम होंगे?
नए नियमों में साफ किया गया है कि एफ1 वीजा वाले छात्र हर सेमेस्टर में एक क्लास या मैक्सिमम 3 ऑनलाइन क्रेडिट अपने करिकुलम में शामिल कर सकते हैं। यानी अगर वे कोई क्लास ऑनलाइन या डिस्टेंस लर्निंग से करते हैं, तो उसे भी उनके कोर्स के लिए मान्यता मिलेगी। इससे उन्हें अपने एफ1 वीजा की शर्तों का उल्लंघन किए बिना, एक तय सीमा में फायदा मिल सकेगा।
एसोसिएट डिग्री पर भी ओपीटी का फायदा
यूएससीआईएस ने साफ कहा है कि इंटरनेशनल स्टूडेंट्स एसोसिएट, बैचलर, मास्टर्स या डॉक्टरेट डिग्री प्रोग्राम पूरा करने के बाद पोस्ट-कंप्लीशन ओपीटी के लिए एलिजिबल हो सकते हैं। एसोसिएट डिग्री, हाई स्कूल डिप्लोमा और बैचलर डिग्री के बीच की एक एजुकेशनल डिग्री है जो आमतौर पर दो साल की होती है।
एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के बीच ट्रांसफर
नए नियमों में यह भी साफ किया गया है कि एफ1 वीजा वाले छात्र एक स्कूल से दूसरे स्कूल में ट्रांसफर ले सकते हैं। शर्त ये है कि दोनों स्कूल स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम द्वारा प्रमाणित हों। यह नियम बाकी के कोर्सेस जैसे- बैचलर के लिए स्ट्रीम चेंज, मास्टर्स प्रोग्राम में भी लागू होगा।
यूएससीआईएस ने बताया है कि ओपीटी पूरा होने के बाद छात्रों को 60 दिनों का ग्रेस टाइम मिलता है। इस दौरान वे अपना एजुकेशन लेवल बदल सकते हैं, किसी दूसरे सर्टिफाइड स्कूल में ट्रांसफर ले सकते हैं, या किसी और नॉन-इमिग्रेंट या इमिग्रेंट स्टेटस में बदलाव के लिए यूएससीआईएस में अपील कर सकते हैं।