ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की हवा प्रदेश में भी अब सबसे साफ नहीं है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2024 में लखनऊ को देश में चौथा स्थान मिला है, हालांकि यूपी में शहर की दूसरी रैंकिंग है।
इस रैंकिंग में आगरा राजधानी से भी आगे है। इलेक्ट्रिक वाहनों की कमी और लगातार चल रहे निर्माण कार्यों की वजह से तीन नंबर कट गए। महज एक नंबर कम आने से लखनऊ पुरस्कार पाने से भी वंचित रह गया। लखनऊ की रैंकिंग के लिए नगर निगम ने 197 नंबर का दावा किया था, लेकिन कई मानकों में कटौती होने के कारण 189 अंक ही मिले। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि अब तक जारी रिपोर्ट के मुताबिक ई-व्हीकल की कमी के कारण दो नंबर कटे हैं। सर्वे में कुल वाहनों और आबादी के अनुसार पांच फीसदी ई-व्हीकल का मानक तय था, लेकिन लखनऊ में अभी महज 3.5 फीसदी ई-व्हीकल चल रहे हैं। इसी तरह रैंकिंग पर निर्माण कार्यों का भी असर पड़ा है। इसमें लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे का निर्माण बड़ा मुद्दा है। इस निर्माण के कारण एयरपोर्ट का क्षेत्र प्रदूषित रहा है। इसके अलावा कई और मानकों में नंबर की कटौती हुई है। स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में तीन श्रेणियों में रैंकिंग जारी होती है। 10 लाख से ज्यादा आबादी होने से लखनऊ प्रथम श्रेणी में आता है। 189 अंक के साथ लखनऊ चौथे स्थान पर है, जबकि 190 अंक के साथ आगरा तीसरे नंबर पर है।
एक नंबर कम होने से लखनऊ के हाथ से 50 लाख रुपये का पुरस्कार भी निकल गया। 2022 में पहला नेशनल क्लीन एयर सिटी अवॉर्ड शुरू हुआ था। पहले साल स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में लखनऊ को पहला स्थान हासिल हुआ था। प्रयागराज दूसरे और वाराणसी तीसरे स्थान पर था। 2023 में लखनऊ इस श्रेणी से बाहर हो गया था। तब भी दूसरे नंबर पर आगरा था।