ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। नवनूर कौर ने नौकरी छोड़कर गुड़ के बिजनेस में सफलता हासिल की है। आईएमटी गाजियाबाद से एमबीए करने के बाद उन्होंने एक बैंक में अच्छी नौकरी की लेकिन, अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने परिवार की मर्जी के खिलाफ नौकरी छोड़ दी। नवनूर ने अपना स्टार्टअप शुरू किया। उनका ‘जैगरकेन’ नाम का स्टार्टअप अब 22 जिलों में फैल चुका है। वह सालाना 2 करोड़ की कमाई कर रही हैं। यह सब उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से हासिल किया है। आइए, यहां नवनूर कौर की सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।
लुधियाना में पली-बढ़ी नवनूर कौर के पिता प्रोफेसर और मां स्कूल प्रिंसिपल हैं। पढ़ाई में हमेशा से अच्छी रहीं नवनूर ने 2019 में आईएमटी गाजियाबाद से एमबीए पूरा किया। इसके बाद उन्हें गुड़गांव में कोटक बैंक में नौकरी मिल गई। अच्छी सैलरी होने के बावजूद उनके मन में हमेशा से फूड बिजनेस शुरू करने का ख्याल बना रहा। परिवार में कई लोगों को डायबिटीज होने के कारण उन्हें गुड़ बेचने का आइडिया आया। वह रिफाइंड चीनी का एक हेल्दी विकल्प ढूंढ़ना चाहती थीं। उन्होंने देखा कि बाजार में केमिकल-फ्री गुड़ कोई बड़ी कंपनी नहीं बेच रही थी।
नवनूर कौर ने अपनी जमा पूंजी से ‘जैगरकेन’ की शुरुआत की। दिनभर ऑफिस में काम करने के बाद रात में वह अपने स्टार्टअप पर काम करती थीं। उनका परिवार नहीं चाहता था कि नवनूर नौकरी छोड़ें लेकिन नवनूर ने उन्हें अपने आइडिया पर भरोसा दिलाया। शुरुआत में उन्होंने डोर-टू-डोर मार्केटिंग भी की। लोगों को उनके गुड़ के प्रोडक्ट्स पसंद आने लगे तो उनका आत्मविश्वास बढ़ा।
गुड़ के साथ एक्सपेरिमेंट करते हुए नवनूर कौर ने कई नए प्रोडक्ट्स बनाए। उनके पिता के एक स्टूडेंट कौशल पंजाब में मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट चलाते थे। दोनों ने मिलकर काम शुरू किया। कौशल मैन्यूफैक्चरिंग देखते हैं, जबकि नवनीत ब्रांडिंग, ऑपरेशंस और टाई-अप्स संभालती हैं। नौकरी से बचाए हुए 5 लाख रुपये नवनूर ने बिजनेस में लगाए।
रास्ता आसान नहीं था
कई दुकानदारों ने कम मार्जिन और कम शेल्फ-लाइफ के कारण उनके प्रोडक्ट्स रखने से मना कर दिया लेकिन, नवनूर ने हार नहीं मानी। कौशल ने गुड़ की शेल्फ-लाइफ 1 महीने से बढ़ाकर 9 महीने कर दी। अब उनके प्रोडक्ट्स विदेश में भी निर्यात होते हैं। जैगरकेन में 25 लोग काम करते हैं। इनमें 7-8 महिलाएं भी शामिल हैं। अब उनका स्टार्टअप सालाना 2 करोड़ रुपये की कमाई कर रहा है। नवनूर की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो नौकरी छोड़कर अपना खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।