संदीप सक्सेना
नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने मिडिल क्लास को बड़ा तोहफा दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना 8वां बजट पेश करते हुए टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी राहत की घोषणा की।
वित्त मंत्री ने कहा कि अब 12 लाख रुपए तक की आमदनी वाले टैक्स मुक्त होंगे। यह दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से की गई मांग से भी 2 लाख ज्यादा है। हालांकि, केजरीवाल ने कुछ अन्य मांगों के पूरा नहीं होने की वजह से दुख जाहिर किया है।
अरविंद केजरीवाल ने 9 दिन पहले मिडिल क्लास के लिए एक ‘मेनिफेस्टो’ जारी करते हुए केंद्र सरकार के सामने 7 मांगें रखी थीं। आम आदमी पार्टी के मुखिया ने इस बजट को मिडिल क्लास के नाम समर्पित करने की मांग करते हुए जो मांगें रखीं, उनमें सबसे अहम थी इनकम टैक्स में छूट। केजरीवाल ने कहा था, ‘इनकम टैक्स की छूट की सीमा को 7 लाख से बढ़ाकर कम से कम 10 लाख किया जाए।’
दिल्ली में चुनाव से ठीक 5 दिन पहले आए इस बजट में मोदी सरकार ने मिडिल क्लास को खुश करने की कोशिश की है। दिल्ली में मिडिल क्लास का एक बड़ा वर्ग है तो लंबे समय से टैक्स में छूट की उम्मीद कर रहा था। इसी वर्ग की आवाज उठाते हुए केजरीवाल ने कम से कम 10 लाख रुपए तक की आय को टैक्स मुक्त करने की मांग रखी थी लेकिन मोदी सरकार इससे आगे बढ़कर एलान कर दिया है।
केजरीवाल अब किस बात से दुखी
बजट पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में अरविंद केजरीवाल ने टैक्स छूट की सीमा बढ़ाए जाने पर कुछ नहीं कहा है। उन्होंने अपनी कुछ अन्य मांगों के पूरे नहीं होने को लेकर दुख जाहिर किया। केजरीवाल ने एक्स पर लिखा, ‘देश के खजाने का एक बड़ा हिस्सा चंद अमीर अरबपतियों के कर्जे माफ करने में चला जाता है। मैंने मांग की थी कि बजट में ये एलान किया जाए कि आगे से किसी अरबपति के कर्ज माफ नहीं किए जाएंगे। इससे बचने वाले पैसे से मिडिल क्लास के होम लोन और व्हीकल लोन में छूट दी जाए; किसानों के कर्जे माफ किए जाएं। इनकम टैक्स और जीएसटी की टैक्स दरें आधी की जाएं। मुझे दुख है कि ये नहीं किया गया।’