संजय द्विवेदी
लखनऊ। आम बजट में यूपी के लिए खुशखबरियों का पिटारा खोल दिया गया है। पिछले वर्ष के बजट में जहां अलग-अलग मदों में प्रदेश के लिए 3.61 लाख करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया था, जो इस बार 4 लाख करोड़ से ज्यादा हो गया है।
केंद्रीय करों में यूपी की हिस्सेदारी में 37 हजार करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है। केंद्र सरकार का बजट उत्तर प्रदेश के विकास की रफ्तार में ईंन्धन का काम करेगा।
– केंद्रीय करों में 37 हजार करोड़ रुपये हिस्सा बढ़ाया
उत्तर प्रदेश के विकास को लेकर केंद्र की गंभीरता का अंदाजा इसी से लग जाता है कि आगामी वित्त वर्ष में केंद्र सरकार की योजनाओं में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी करीब 18 फीसदी होगी। केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश के लिए 84199 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। इस वर्ष बढ़ाकर 90 हजार करोड़ रुपये कर दिया है। स्पेशल कैपिटल असिस्टेंस फार स्टेट स्कीम के तहत मिलने वाले फंड में कोई खास तब्दीली नहीं की गई है।
हर उपभोक्ता के हाथ पैसे रखने की नीयत
पिछले वर्ष यूपी को 17839 करोड़ इस मद में दिए गए थे जो इस वर्ष भी करीब 18 हजार करोड़ रुपये होंगे। इस स्कीम के अंतर्गत मिलने वाली धनराशि ब्याजमुक्त होती है, जिसकी वापसी का समय 50 वर्ष है। पंद्रहवें वित्त आयोग के अनुदान में भी कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है।
यूपी पर फोकस
राज्य को 10 खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने में यह बजट बड़ी भूमिका निभाएगा। अलग-अलग मदों में बढ़ा हुआ बजट इस बात का संकेत है कि प्रदेश का उपभोक्ता बाजार तेजी से बढ़ रहा है यानी पिछले एक साल में लोगों के खर्च करने की क्षमता में तेजी आई है। लोगों की आय बढ़ रही है।