ब्लिट्ज ब्यूरो
तेल अवीव। गाजा में सैन्य अभियान को लेकर इजरायल की दुनियाभर में आलोचना हो रही है। अलग-अलग देशों के शहरों में इजरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन इस बीच मुस्लिम देश मोरक्को ने हैरान करने वाला कदम उठाया है। मोरक्को इजरायली ड्रोन का उत्पादन करने जा रहा है। देश ने इजरायली रक्षा कंपनी को ड्रोन फैक्ट्री लगाने की मंजूरी दे दी है, जो रक्षा संबंधों को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है। मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल एयरोस्पेस एंडस्ट्री की एक सहायक कंपनी के साथ पार्टनरशिप के तहत मोरक्क ो में टैक्टिकल अटैक ड्रोन के लिए उत्पादन सुविधा खोली जाएगी।
मोरक्क ो के अंदर ही हो रहा विरोध
गौरतलब है कि मोरक्को के इस कदम का उसके अपने ही देश में विरोध हो रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्या वजह है कि मुस्लिम देश मोरक्क ो अपने लोगों को नाराज करके भी इजरायली हथियार फैक्ट्री के पक्ष में मजबूती से खड़ा है। वजह है इजरायली हथियार, जिनकी दुनिया दीवानी है। साल 2020 में अब्राहम अकॉर्ड पर हस्ताक्षर करने वाले मुस्लिम देशों और इजरायल के बीच रक्षा सहयोग लगातार बढ़ रहा है। साल 2024 में इजरायल ने इन देशों को 1.7 अरब डॉलर के हथियार बेचे थे।
मोरक्को का इजरायल से रक्षा सहयोग
मोरक्को पिछले कुछ सालों से अब्राहम अकॉर्ड में अपनी सदस्यता का फायदा उठाते हुए इजरायली हथियार और टेक्नोलॉजी आयात कर रहा है। इसके मोरक्को की रक्षा क्षमता बेहतर हुई है। मोरक्को ने 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान अब्राहम समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे इजरायल के साथ रिश्ते बहाल हुए। तब से देश इजरायल का बड़ा रक्षा खरीदार बन गया है। मोरक्को ने इजरायल से तोप, एयर डिफेंस मिसाइल और जासूसी सैटेलाइट खरीदे हैं।
मोरक्को अकेला मुस्लिम देश नहीं
इजरायल से रक्षा संबंध बढ़ाने वाला मोरक्को अकेला मुस्लिम देश नहीं है। यूएई ने इजरायल से दो मिसाइल सिस्टम लिए हैं, जिसमें से एक तैनात हो चुका है। इसी तरह बहरीन के तटीय इलाकों की सुरक्षा के लिए इजरायली रेडार लगाए गए हैं। इंडोनेशिया भी इजरायल का ग्राहक है।































