मनोज जैन
नई दिल्ली। केरल में जन्मे सनी वर्की दुबई के सबसे अमीर भारतीयों में से एक हैं। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अपना कारोबार शुरू किया। आज उनकी रियल टाइम नेटवर्थ 4 अरब डॉलर है। वर्की ने जेम्स एजुकेशन ग्रुप की स्थापना की। यह दुनियाभर में 80 से ज्यादा स्कूल चलाता है। जेम्स दुनिया का सबसे बड़ा प्राइवेट किंडरगार्टन (केजी) से 12वीं कक्षा तक के स्कूलों का समूह है। सनी वर्की ने कभी थोड़ी सी एक्स्ट्रा इनकम के लिए सड़क किराने फल तक बेचे। उनकी कहानी एक ऐसे साधारण आदमी की है जिसने कड़ी मेहनत से बड़ी कामयाबी हासिल की है।
– दुनिया के सबसे बड़े निजी किंडरगार्टन-टू-ग्रेड-12 स्कूलों के संचालक हैं वर्की
– कड़ी मेहनत और लगन से कुछ भी संभव है
1959 में उनका परिवार दुबई चला गया। वहां उनके पिता को ब्रिटिश बैंक ऑफ द मिडिल ईस्ट (अब एचएसबीसी बैंक मिडिल ईस्ट) में नौकरी मिल गई। उनके माता-पिता स्थानीय अरबों और शाही परिवार के बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाते थे। ग्यारह साल की उम्र में सनी वर्की थोड़े अतिरिक्त पैसे कमाने के लिए सड़क किनारे फल बेचते थे। यह उनकी कड़ी मेहनत और व्यावसायिक कौशल का शुरुआती संकेत था।
दुबई और ब्रिटेन में पढ़ाई
सनी वर्की ने अपनी स्कूली शिक्षा दुबई और ब्रिटेन में पूरी की। उन्होंने दुबई में इन्फैंट जीसस एंग्लो-इंडियन बॉयज स्कूल से पढ़ाई शुरू की। सेंट मैरी कैथोलिक हाई स्कूल से ओ-लेवल की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद ब्रिटेन के स्कूल से ए-लेवल की पढ़ाई की। यह विविध शैक्षिक पृष्ठभूमि बाद में उनके ग्लोबल एजुकेशन बिजनेस को आकार देने में महत्वपूर्ण साबित हुआ।
कई बिजनेस में आजमाया हाथ
1968 में सनी वर्की के माता-पिता ने प्रवासी बच्चों को पढ़ाने के लिए दुबई में ‘अवर ओन इंग्लिश हाई स्कूल’ की स्थापना की। सनी वर्की ने अपना करियर स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में शुरू किया। इसके बाद उन्होंने एक छोटी व्यापारिक कंपनी खोली और दुबई प्लाजा होटल के भी सह-मालिक बने। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा उद्योग में भी कदम रखा। हालांकि, सनी वर्की ने जल्द ही अपने सभी व्यवसाय बंद कर दिए। माता-पिता के शुरू किए गए स्कूल पर फोकस करने के लिए उन्होंने ऐसा किया। वर्की ने विभिन्न पाठ्यक्रमों: भारतीय (सीबीएसई और आईसीएसई), अमेरिकी, ब्रिटिश और इंटरनेशनल बैकलॉरिएट के तहत शिक्षा प्रदान करना शुरू किया।
आज अरबों की दौलत के मालिक
साल 2000 में सनी वर्की ने ग्लोबल एजुकेशन मैनेजमेंट सिस्टम्स (जीईएमएस यानी जेम्स) की स्थापना की। 2003 में उन्होंने इंग्लैंड में एक स्कूल खोला। तब से पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2004 में उन्होंने भारत में कारोबार का विस्तार किया और एक स्कूल खोला। जेम्स समूह लीबिया, जॉर्डन, अमेरिका, स्विट्जरलैंड, केन्या, युगांडा, मिस्र और सिंगापुर में भी संचालित होता है। सनी वर्की वर्की ग्रुप नाम के एक व्यावसायिक संगठन के अध्यक्ष भी हैं। फोर्ब्स रियलटाइम बिलियनेयर इंडेक्स के अनुसार, 9 फरवरी 2025 तक सनी वर्की की कुल संपत्ति 4 अरब डॉलर थी। यह लगभग 35,115 करोड़ रुपये है। सनी वर्की की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं। वह दिखाते हैं कि कड़ी मेहनत और लगन से कुछ भी संभव है।