ब्लिट्ज ब्यूरो
नोएडा। हरियाणा से शुरू होकर ग्रेटर नोएडा एरिया में ईस्टर्न पेरीफेरल (केजीपी) के समानांतर ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के निर्माण की तैयारी तेज हो गई है। नोडल एजेंसी गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है कि ऑर्बिटल रेल कितने एरिया से निकलेगी और कितने गांव, उसके आस पास आबादी ओर कितनी जमीन अधिग्रहण होगी। जिला प्रशासन के अधिकारी अब जमीन का सर्वे कर रहे हैं। इसके बाद रिपोर्ट बनाकर जीडीए को सौंपेंगे। इस ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर को जेवर एयरपोर्ट से लिंक किया जाएगा।
केजीपी के समानांतर ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का निर्माण भी किया जाएगा। परियोजना का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। यह 135 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर बनेगा और इस पर 6500 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के लिए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) को नोडल एजेंसी बनाया हैं। शासन ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करवाने की जिम्मेदारी दी है।
जमीन का सर्वे शुरू
फिजिबिलिटी रिपोर्ट को हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन को भेजा जाएगा। इसके बाद फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन से भी रिपोर्ट मांगी गई है कि उनके एरिया में कितनी जमीन इस प्रोजेक्ट के लिए जा रही है। अधिकारी जमीन का सर्वे करने में जुट गए हैं। डीएम मनीष वर्मा का कहना है कि ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के लिए जिले से जो भी रिपोर्ट मांगी जा रही है, उसे तैयार कराया जा रहा है।
नोएडा एयरपोर्ट से लिंक किया जाएगा
इसका निर्माण होने से दिल्ली-एनसीआर की सड़कों और रेल यातायात पर दबाव भी कम होगा। प्रदूषण का स्तर भी कम होगा। इसे हरियाणा और यूपी के तमाम लॉजिस्टिक हब के साथ लिंक किया जाएगा। इसके अलावा इसे कई डेडिकेडेट फ्रेट कॉरिडोर, नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट और न्यू नोएडा इंडस्टि्रयल टाउनशिप के साथ ही लिंक किया जाएगा।
14,000 करोड़ रुपये की लागत
इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में 14,000 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना जताई जा रही है। इसमें 11,000 करोड़ रुपये प्रोजेक्ट की लागत होगी, जबकि 3000 करोड़ रुपये जमीन हासिल करने के लिए खर्च होंगे। इस कॉरिडोर में कुल 18 स्टेशन प्रस्तावित हैं जिसमें 12 क्रॉसिंग स्टेशन और 6 हॉल्ट स्टेशन होंगे। पैसेंजर ट्रेन की स्पीड को 160 किलोमीटर प्रतिघंटे रखा जाएगा।