ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण हालात में केंद्र सरकार उच्च स्तरीय बैठक कर रही है। लगातार बैठकों से साफ हो गया कि इस बार आतंकियों के खिलाफ दो तरफा ऑपरेशन होगा।
सूत्रों के मुताबिक, घाटी के अंदर आतंकियों का पूरा स्थानीय सपोर्ट सिस्टम खत्म करने के लिए मिशन मोड में तेज ऑपरेशन शुरू हो गया है। इसके तहत सीमा पार आतंकियों के ठिकानों की पूरी रिपोर्ट खुफिया एजेंसियों से ली गई। गृह मंत्रालय में रॉ, आईबी प्रमुख की मौजूदगी में जम्मू- कश्मीर में स्थिति को लेकर गृहसचिव ने मंथन किया।
सरकार ने जाहिर किया इरादा
सूत्रों ने बताया कि सीमा पार कोई भी ऑपरेशन कब और कैसे होगा, यह पूरी तरह से गोपनीय रणनीति होगी लेकिन पिछली दो बार की तुलना में इस बार सरकार ने अपना इरादा पहले ही जाहिर कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, बड़ा ऑपरेशन होकर रहेगा। समय और स्थान सरकार, सेना और एजेंसियां अपने हिसाब से रणनीति के मुताबिक तय करेंगी। सीमा पार किए गए पिछली दो स्ट्राइक के अनुभवों के आधार पर अलग-अलग योजनाओं पर चर्चा चल रही है। एक अधिकारी ने स्वीकार किया कि पहलगाम हमले से साफ है कि जीरो घुसपैठ अभी भी पूरे तंत्र के लिए चुनौती है। वहीं आतंकियों का स्थानीय सपोर्ट सिस्टम भी बड़ी चुनौती है।
पहले चरण के ऑपरेशन में स्थानीय
मददगारों के तंत्र को ध्वस्त करने की रणनीति पर काम शुरू हो गया है। करीब 1500 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है।
दरअसल, बैसरन घाटी में आतंकियों ने जिस हमले को अंजाम दिया, उसमें भी स्थानीय मददगारों की सहायता ली गई। आतंकी 26/11 के हमले की तर्ज में सूखे मेवे, दवाई लेकर आए थे। उन्होंने लाइव स्ट्रीमिंग उपकरण भी रखे और उनके पास घातक हथियारों का जखीरा भी था।
पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी श्रीनगर का दौरा कर चुके हैं । सूत्रों के मुताबिक, सेना प्रमुख ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की व्यापक समीक्षा की। सैन्य सूत्रों ने बताया कि शीर्ष सैन्य कमांडरों ने सुरक्षा संबंधी विभिन्न पहलुओं पर जनरल द्विवेदी को जानकारी दी।
– घाटी के अंदर मददगारों की धरपकड़ शुरू
– सीमा पार आतंकी कैंपों की मैपिंग कर बनाई रिपोर्ट
– एजेंसियों की मौजूदगी में हालात को लेकर गृहसचिव का मंथन